गुरुद्वारा बंगला साहिब
गोल डाक खाने के पास बहुत बड़े स्थान में बना गुरुद्वारा बंगला साहिब दिल्ली में सिख समुदाय का प्रमुख धार्मिक स्थल है। सफेद संगमरमर से बनी यह शानदार इमारत इस्लामी और भारतीय वास्तुकला का सम्मिश्रण है। सामने की दीवार गुबंददार छज्जों से सजी हुई है। बीच में गुबंद पर सोने का पानी चढ़ा हुआ है जिससे यह गुरुद्वारा राजधानी की एक शानदार इमारत में से एक बन गया है।
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इतिहास के अनुसार सत्रहवीं शताब्दी में यह गुरुद्वारा राजा जय सिंह का बंगला था , जिसका कोई उत्तराधिकारी नहीं था। यह कहा जाता है कि राजा ने एक बार सिखों के आठवें गुरु श्री हरिकिशन साहिब को अपने बंगले पर बुलाया था। उस समय दिल्ली में चेचक की महामारी फैली हुई थी। गुरु ने इस बीमारी का इलाज बंगले के प्रांगण में जहां वह तहरे हुए थे। वहाँ एक तालाब को खोद कर पाया। तालाब के उस पवित्र जल से चेचक का प्रकोप कम हो गया।
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आज भी यह माना जाता है कि सरोवर का पवित्र जल अमृत के समान है व उसमे रोगियों को स्वस्थ करने की शक्ति है।
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