मध्यप्रदेश नदी परियोजना ( MP RIVER PROJECT )

MP River project full detailed notes in Hindi for competitive exams and General awareness. इस पोस्ट में आप मध्यप्रदेश नदी परियोजना संपूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे। अगर आपके मन में कोई सवाल रह जाता है तो आप कमेंट करके पूछ सकते हैं।  उसका जवाब आपको जल्द से जल्द मिलेगा।

Table of Contents

List of all MP River Projects in Hindi – मध्यप्रदेश नदी परियोजना

Below is the list one by one explained in Hindi

1. नर्मदा घाटी परियोजना

सरदार सरोवर परियोजना, इंदिरा सागर परियोजना,महेश्वर परियोजना, ओम्कारेश्वर परियोजना सम्मिलित है ।

सरदार सरोवर परियोजना गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र की संयुक्त परियोजना है ।

इंदिरा गांधी नर्मदा सागर परियोजना मध्यप्रदेश के खंडवा( पुनासा) जिले में स्थित है !( इंदिरा परियोजना का शिलान्यास 1984 में इंदिरा गांधी ने किया था ) सरदार सरोवर परियोजना गुजरात में भडोच के निकट है । इंदिरा सागर बांध ओम्कारेश्वर दो वृहद सिंचाई परियोजना है जिनसे 3 लाख हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित होता है

नर्मदा उसकी 41 सहायक नदियों का अपवाह तंत्र 95,000 वर्ग किलोमीटर है ।

नर्मदा घाटी परियोजना में मध्य प्रदेश की 29 बड़ी, 135 मध्यम तथा 3000 लघु सिंचाई योजनाएं शामिल है ।

इस से 27 लाख हेक्टेयर भूमि सिंचित होती है ।

नर्मदा घाटी परियोजना से मध्य प्रदेश के लगभग 15 जिले- शहडोल, मंडला, डिंडोरी, जबलपुर, नरसिंहपुर,रायसेन, होशंगाबाद, हरदा,खंडवा, खरगोन, बड़वानी आदि जिले लाभान्वित होते हैं ।

 

2. चंबल नदी परियोजना

यह मध्यप्रदेश पर राजस्थान की संयुक्त परियोजना है इसका प्रारंभ 1954 में शुरू हुआ ।

चंबल नदी परियोजना का निर्माण 3 चरणों में हुआ है ।

  • 1. गांधी सागर बांध परियोजना ( मध्य प्रदेश के जिले नीमच के निकट स्टेट )1964 में पूर्ण ।
  • 2. राणा प्रताप सागर (चित्तौड़गढ़,राजस्थान) परियोजना (जल विद्युत केंद्र) ।
  • 3. जवाहर सागर परियोजना (कोटा,राजस्थान) से भाइयों और किनारे राजस्थान को बधाइयों की नहरें मध्य प्रदेश के कृषि प्रदेश को सींचती हैं ।

चंबल परियोजना से मध्यप्रदेश के भिंड मुरैना ग्वालियर मंदसौर-नीमच जिलों में सिंचाई होती है ।

 

3. माताटीला बांध परियोजना

यह परियोजना बेतवा नदी पर स्थित है इसे( रानी लक्ष्मीबाई परियोजना )के नाम से भी जाना जाता है ?

यह मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश की संयुक्त परियोजना है मध्य प्रदेश में

  • 1.16 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में तथा
  • उत्तर प्रदेश में 1.09 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होती है

इस परियोजना से मध्य प्रदेश के 6 जिले दतिया ग्वालियर भिंड विदिशा रायसेन आदि जिले तथा उत्तर प्रदेश के 4 जिले लाभान्वित होते हैं

इस परियोजना पर माताटीला जल विद्युत गृह भी है

 

4. बरगी परियोजना

बरगी परियोजना को रानी अवंती बाई सागर परियोजना के नाम से भी जाना जाता है ।

यह परियोजना बरगी नदी पर मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले पर बनाई गई है ।

बरगी परियोजना से मध्य प्रदेश के जबलपुर मंडला सिवनी जिले लाभान्वित होते हैं बरगी परियोजना पर 60 मीटर ऊंचा बांध बनाया गया है

जिससे वर्तमान में 95000 के क्षेत्र में सिंचाई हो रही है ।

 

5. बाणसागर परियोजना

बाणसागर परियोजना सोहन नदी पर बनाई गई है ! बाणसागर परियोजना से मध्य प्रदेश के रीवा सीधी जिले लाभान्वित होंगे । बाणसागर परियोजना पर देवलोक शहडोल में बांध बनाया गया है

जिससे 405 मेगावाट विद्युत उत्पन्न की जाती है साथ ही 1.53 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होती है ।

 

6. हलाली परियोजना –

हलाली परियोजना को सम्राट अशोक सागर परियोजना के नाम से भी जाना जाता है यह परियोजना हलाली नदी पर बनाई गई है ।

हलाली परियोजना से मध्य प्रदेश के विदिशा व रायसेन जिले लाभान्वित होते हैं

इसी परियोजना पर 945 मीटर लंबा व 29.57 मीटर ऊंचा बांध बनाया गया है !

जिससे 37000 हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई होती है इस महान का (निर्माण सन 1973-76) में हुआ है ।

 

7. बरगी अपवर्तन परियोजना –

बरगी अपवर्तन परियोजना बरगी नदी पर बनाई गई है इस परियोजना से मध्य प्रदेश के 4 जिले जबलपुर कटनी रीवा सतना लाभान्वित होते हैं इस परियोजना से मध्य प्रदेश के 2.45 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होती है।

 

8. सीता रेवा परियोजना –

यह परियोजना सीता रेवा नदी पर बनाई गई है इससे परियोजना से छिंदवाड़ा जिले लाभान्वित होता है तथा 15 मेगावाट निजी क्षेत्र प्रस्तावित किया गया है ।

 

9. जोबट परियोजना –

जोबट परियोजना नर्मदा की सहायक नदी हथनी नदी पर बनाई गई है ।

जोबट परियोजना से मध्य प्रदेश का धार जिले लाभान्वित होते हैं तथा 9848 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होती है ।

 

10. अपर वेदा परियोजना –

  • यह परियोजना बेतवा नदी पर बनाई गई है
  • इस परियोजना से मध्यप्रदेश के खरगोन जिले मैं लगभग 9900 हेक्टेयर क्षेत्र भूमि में सिंचाई होती है
  • इसकी जल ग्रहण क्षमता 523 वर्ग किलोमीटर है ।

 

11. पेंच परियोजना –

यह परियोजना किस नदी पर बनाई गई है इस परियोजना से मध्यप्रदेश के बालाघाट तथा छिंदवाड़ा जिले लाभान्वित होते हैं ।

यह मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र की संयुक्त परियोजना है

इस परियोजना से 63388 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी ।

 

12. बाघ परियोजना –

बाघ परियोजना मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र की सीमा क्षेत्र की परियोजना है यह बाघ नदी पर बनाई गई है. बाघ परियोजना पर मध्य प्रदेश व महाराष्ट्र की सीमा पर शिरपुर गांव में बांध बनाया गया है

जिससे महाराष्ट्र क्षेत्र में सिंचाई होगी

 

13. बावनथड़ी परियोजना –

इस परियोजना को राजीव नगर के नाम से भी जाना जाता है यह बावनथड़ी नदी पर बनाई गई है

बावन थड़ी परियोजना मध्य प्रदेश व महाराष्ट्र की संयुक्त परियोजना है

बावन थड़ी परियोजना श्री मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले में 29412 हेक्टेयर क्षेत्र तथा ‘

महाराष्ट्र में 17357 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होती है ।

 

14. काली सरार परियोजना –

यह परियोजना बाघ की पूरक नदी पर बनाई गई है यह मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र की संयुक्त परियोजना है

इस परियोजना से मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र की सीमा पर लगे क्षेत्र लाभान्वित होते हैं ।

 

15. केन बहुउद्देशीय परियोजना –

इस परियोजना को ग्रेटर गंगऊ नाम से भी जाना जाता है यह परियोजना केन नदी पर बनाई गई है ।

यह परियोजना मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश की संयुक्त परियोजना है

इस परियोजना से मध्य प्रदेश के छतरपुर व पन्ना जिले लाभान्वित होते हैं

इस परियोजना पर 50 मेगावाट जल विद्युत भी उत्पादित होता है ।

 

16. अपर नर्मदा परियोजना –

यह परियोजना नर्मदा नदी पर बनाई गई है इस परियोजना से मध्यप्रदेश के डिंडोरी जिले में लगभग 18616 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होती है ।

 

17. उर्मिल परियोजना –

उर्मिल परियोजना मध्य प्रदेश को उत्तर प्रदेश की संयुक्त परियोजना है यह उर्मिल नदी पर बनाई गई है

इस परियोजना से मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले उसके आसपास का क्षेत्र लाभान्वित होता है

इस परियोजना में मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश में 60:40 जल अनुपात बंटवारा है

मध्यप्रदेश में इस परियोजना पर नहर है जिसकी लंबाई 137 किलोमीटर है

उर्मिल परियोजना पर उर्मिल बांध उत्तर प्रदेश में है तथा नहर का निर्माण मध्यप्रदेश द्वारा किया गया है ।

 

18. लोअर गोई परियोजना –

यह परियोजना कोई नदी पर बनाई गई है इससे मध्यप्रदेश के बड़वानी जिला लाभान्वित होता है तथा बड़वानी जिले की 13760 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होती है ।

 

19. हलोन परियोजना –

हेलो परियोजनाओं श्री मध्यप्रदेश का मंडला जिला लाभान्वित होता है तथा 11736 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होती है ।

 

20. पुनासा परियोजना –

पुनासा परियोजना इंदिरा सागर के पास स्टेशन इस परियोजना से मध्य प्रदेश का खंडवा जिला लाभान्वित होता है प्रसाद 35008 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होती है ।

 

21. मान परियोजना –

मान परियोजना से मध्य प्रदेश धार जिले के आसपास का क्षेत्र लाभान्वित होता है तथा धार जिले कि लगभग 15000 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होती है ।

 

22. अपर बैंनगंगा परियोजना –

इस परियोजना को संजय सरोवर नाम से भी जाना चाहता है यह परियोजना बैनगंगा नदी पर बनाई गई है

इस परियोजना से मध्यप्रदेश के बालाघाट सिवनी जिले लाभान्वित होते हैं

तथा इस परियोजना से 1,03,722 हेक्टर क्षेत्र में सिंचाई होती है ।

 

23. थावर परियोजना –

ठाकुर परियोजना मध्यप्रदेश के मंडला जिले को लाभान्वित करती है थावर नदी पर बनाई गई है इस परियोजना से 18212 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होती है ।

 

24. कोलार परियोजना –

यह परियोजना कोलार नदी पर बनाई गई है इस परियोजना से मध्यप्रदेश के सीहोर जिला लाभान्वित होता है ।

कोलार परियोजना से सीहोर में सिंचाई के अलावा भोपाल को पेयजल की उपलब्धता की पूर्ति भी होती है

तथा 60887 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होती है ।

 

25. माही परियोजना –

यह परियोजना माही नदी पर बनाई गई है

इस परियोजनाओं से मध्य प्रदेश के धार झाबुआ जिले लाभान्वित होते हैं

तथा वर्तमान में इस से 5000 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हो रही है।

इस परियोजना पर जो बांध तथा दो नहरें हैं इंदौर नेहरू की कुल लंबाई 137 किलोमीटर है ।

 

26. सुक्ता परियोजना –

सुक्ता परियोजना खंडवा जिले में स्थित है तथा इससे खंडवा की जलापूर्ति होती है साथ ही 18583 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होती है ।

 

27. सिंध परियोजना –

यह परियोजना सिंधु नदी पर बनाई गई है

इस परियोजना से मध्यप्रदेश के शिवपुरी तथा ग्वालियर जिले लाभान्वित होते हैं ।

सिन्ध परियोजना से ग्वालियर की नगर की जलापूर्ति होती है साथी 35200 हेक्टेयर क्षेत्र पर सिंचाई होती है ।

 

28. नरगवा परियोजना –

यह परियोजना केन नदी की सहायक नदी पर बनाई गई है इस परियोजना से मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले तथा उसके आसपास क्षेत्र लाभान्वित होते हैं ।

यह परियोजना मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश की संयुक्त परियोजना है मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में 16190 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होती है ।

 

29. चोरल नदी परियोजना –

यह परियोजना चोरल नदी पर इंदौर में स्थित है

इस परियोजना से मध्य प्रदेश के जिले इंदौर की तहसील महू मुख्य रूप से लाभान्वित होती है ।

चोरल नदी परियोजना से महू नगर की 500 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में भूमि सिंचित की जाती है !

तथा इंदौर शहर की जलापूर्ति भी होती है ।

 

30. भांडेर नहर परियोजना –

यह परियोजना बेतवा नदी पर बनाई गई है इस परियोजना से मध्यप्रदेश के दतिया ग्वालियर भिंड जिले लाभान्वित होते हैं इस नहर की लंबाई 57.6 किलोमीटर है

तथा इसकी सिंचाई क्षमता 44535 हेक्टेयर क्षेत्र है ।

 

31. बारना परियोजना –

यह परियोजना बारना नदी पर बनाई गई है इस परियोजना पर बाड़ी गांव के निकट एक बांध बनाया गया है जिसकी सिंचाई क्षमता 60290 हेक्टेयर क्षेत्र है

इस परियोजना से मध्य प्रदेश का रायसेन जिला लाभान्वित होता है ।

 

32. सिंहपुर बैराज परियोजना –

यह परियोजना उर्मिल नदी पर बनाई गई है तथा इस परियोजना से मध्य प्रदेश का छतरपुर जिला लाभान्वित होता है उर्मिल परियोजना के नीचे यह प्रस्तावित है ।

 

33. देजला देवड़ा परियोजना –

यह परियोजना से मध्य प्रदेश कॉ खरगोन जिला लाभान्वित होता है प्रधान 9000 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होती है ।

 

34. तवा परियोजना तवा परियोजना

मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले में स्थित है ! तथा होशंगाबाद जिला के आसपास का क्षेत्र से लाभान्वित होता है ।

इस परियोजना से मध्य प्रदेश का 3.33 लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षमता

तथा वर्तमान में 2.47 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हो रही है ।

 

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