भाई दूज की कहानी ( Bhai dooj katha )

आज हम इस लेख में भाई दूज की कहानी तथा पौराणिक कथाओं का संकलन कर रहे हैं जिसे पढ़कर आप निश्चित रूप से बहन भाई के प्यार में सराबोर हो सकते हैं।

भाई दूज का त्योहार दीपावली के तीसरे दिन अर्थात कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को मनाया जाता है। यह भाई-बहन का पवित्र त्यौहार है।  आज इस कहानी में भाई दूज त्योहार को मनाने के पीछे की घटनाओं को लिख रहे हैं। जिसमें पौराणिक,आधुनिक तथा मान्यताओं से संबंधित कहानियां है।

भाई बहन का प्यार प्रेम की उस शुद्धता को प्रकट करता है जो लौकिक ही नहीं अलौकिक भी है इस त्यौहार को केवल पृथ्वी पर ही नहीं स्वर्ग में भी मनाया जाता है इसी प्रेम के कारण कितने ही अवतार ईश्वर को लेने पड़े।

भाई दूज की कहानी Story of Bhai Dooj

पौराणिक कथा ( सूर्य यमुना यमराज )

सूर्य की पत्नी संज्ञा थी, वह सूर्य के ताप को सहन नहीं कर सकी और अपनी प्रतिमूर्ति (छाया) का निर्माण कर अपनी संताने पहला यमराज दूसरी यमुना सौंप कर अंतर्ध्यान हो गई।संज्ञा की प्रतिमूर्ति छाया ,यमराज और यमुना से प्रेम नहीं किया करती थी। जिसके कारण यमुना सदैव नाराज और दुखी रहा करती थी। यमुना के दुख और नाराजगी को दूर करने के लिए यमराज एक दिन उसके घर पहुंचे।

यमराज ने घर पहुंच कर देखा तो उसकी बहन काफी नाराज थी,किंतु भाई के स्वागत के लिए वह तुरंत उठ खड़ी हुई तथा प्रसन्न चित्त होकर यमराज का स्वागत-सत्कार किया।इस स्वागत-सत्कार से यमराज बेहद प्रसन्न हुए और उन्होंने अपनी बहन से वरदान मांगने को कहा।

21 Bhai dooj Quotes, wishes, Shayari with images

Raksha Bandhan Quotes in Hindi

बहन ने अपनी खुशी और प्रेम के लिए अपने भाई से कहा – ‘अगर आप मुझे कुछ देना चाहते हैं और प्रसन्न हैं तो आप प्रतिवर्ष मेरा आतिथ्य स्वीकार करें।’

यमराज बेहद प्रसन्न हुए और उन्होंने अपनी बहन को मनचाहा वरदान प्रदान किया। इसी मान्यता के आधार पर हिंदू पद्धति के अनुसार प्रतिवर्ष भाई दूज के रूप में की जाती है।

2. भाई दूज की पौराणिक कथा

(श्री कृष्ण सुभद्रा की कहानी)

द्वापर युग में नरकासुर नाम का एक दैत्य रहा था, उसके पाप और अधर्म से तीनों लोक त्राहिमाम कर रहा था। वह ब्रह्मा जी का बड़ा भक्त भी था, उसने कई देवों की तपस्या और सिद्धि से अपार शक्तियां संग्रहित कर ली थी। इन शक्तियों के मद और अहंकार में वह नित्य प्रति अधर्म कर रहा था। उसने इंद्र को परास्त करके स्वर्ग लोक पर भी आधिपत्य जमा लिया था।

ब्रह्मा जी के सुझाव पर इंद्र पृथ्वी लोक पर श्री कृष्ण से सहायता मांगने पहुंचे। श्री कृष्ण ने इंद्र को आश्वस्त करते हुए स्वर्ग लोक प्रस्थान करने का सुझाव दिया और स्वयं अपनी पत्नी सत्यभामा के साथ नरकासुर के नगर युद्ध के लिए जा पहुंचे। भीषण युद्ध के बाद श्री कृष्ण ने चक्र सुदर्शन की सहायता से नरकासुर का वध किया और तीनों लोकों को भय मुक्त किया। श्री कृष्ण जब नरकासुर का वध करके लौटे तो उनकी बहन सुभद्रा ने पूरे विधि-विधान के साथ पुष्प वर्षा आदि से अपने भाई श्री कृष्ण और भाभी सत्यभामा का स्वागत किया।

Ganesh chaturthi Wishes, Quotes and Shubhkamnaye

गणेश जी की आरती Ganesh Ji Ki Aarti Likhi Hui

Vishwakarma puja quotes in hindi 

उनके लंबी आयु की रक्षा करने के लिए ईश्वर को धन्यवाद किया,इस कारण भाई दूज का त्यौहार प्रचलन में आया।

bhai dooj story in hindi, bhai dooj ki kahani
bhai dooj story in hindi, bhai dooj ki kahani

3. भाई दूज की की कहानी

(बहन ने टाली अपने भाई की सात मृत्यु)

एक समय की बात है एक गांव में बुढ़िया अपने अपने एक बेटे कथा बेटी के साथ रहा करती थी। बुढ़िया ने अपनी बेटी का ब्याह करा दिया था।  उसकी बेटी स्वभाव से थोड़ा गर्म थी और ताने देना,गाली देना उसके स्वभाव में शामिल हो गया था। काफी समय बाद बुढ़िया का बेटा अपनी बहन से मिलने जाने के लिए मां से पूछता है। उसकी मां कहती है उसके यहां क्यों जा रहा है ? वह तो ठीक से बात भी नहीं करती और गाली-गलौज करती है।

भाई अपने बहन से बहुत प्यार करता था इसलिए मां को समझा-बुझाकर वह बहन के यहां मिलने निकल गया। रास्ते में उसे नदी पार करना था ,नदी पार करते समय नदी काल के रूप में प्रकट होती है। उसे अपनी धारा में बहाने के लिए कहती है। भाई प्रार्थना करता है कि वह अपनी बहन से मिलने बहुत दिनों बाद जा रहा है ,वह मिलकर लौट आए तो अवश्य उसे अपनी धारा में बहा ले।

सूर्य भगवान की आरती Ravivar ki Aarti Lyrics

Parshuram Quotes in Hindi

प्रार्थना सुनकर नदी शांत हो गई और उसे रास्ता दे दिया। कुछ दूर आगे बढ़ने पर उसे एक बड़ा विषैला सांप मिलता है जो उसकी ओर फन बढ़ाकर डसने  को तैयार रहता है। भाई फिर कहता है वह अपनी बहन के यहां जा रहा हूँ,उसे तिलक और कलावा बंधवा वापस लौटेगा तो अवश्य ही डस लेना सांप उसे वहां से जाने देता है। कुछ दूर आगे चलने पर उसका एक विशालकाय शेर से सामना होता है। शेर कई दिनों से भूखा था वह भोजन की तलाश में था ,आदमी को देख कर उसकी तलाश पूरी होने वाली थी। वह अपनी भूख मिटाने के लिए इस पर छटपटा रहा था। भाई हाथ जोड़कर उसके सामने खड़ा हो गया और वही पुरानी दो बातें जो सांप और नदी से कही थी शेर को भी कह डाली। शेर ने उसे जल्दी लौट कर आने के लिए कहा।

तीन बाधाओं और काल से बचकर वह अपने बहन के यहां जा पहुंचा। घर के बाहर से उसने अपनी बहन को आवाज लगाई,बहन घर के भीतर बैठी सूत बना रही थी। आवाज सुनकर सूत का धागा टूट गया। मान्यता के अनुसार धागा टूटने पर आवाज की प्रतिक्रिया नहीं दी जाती ,इसलिए वह झटपट धागे को जोड़ने लगी। भाई ने तीन-चार आवाज लगाई किंतु बहन ने कोई जवाब नहीं दिया। उसे अपनी मां की बात याद आ गई जो यहां आने के लिए मना कर रही थी,क्योंकि बहन का स्वभाव मा भली-भांति जानती थी। वह निराश होकर वापस लौटने लगा,तब तक बहन धागे को जोड़ चुकी थी। बाहर निकली तो भाई वहां से जा चुका था। वह पीछा करते हुए अपने भाई के पास पहुंची और ना बोलने का कारण भी बताया।

देश प्रेम की कहानी 

दिवाली से जुड़ी लोक कथा | Story related to Diwali in Hindi

भाई खुशी-खुशी बहन के घर लौट आया। बहन ने अपनी पड़ोसन से पूछा कोई खास मेहमान घर आए जिसे हम बहुत प्रेम करते हैं,तो उसके लिए कैसा खाना बनाना चाहिए ? पड़ोसन ने मजाक में कहा तेल का चौका लगाना चाहिए और घी का चावल पकाना चाहिए। भाई के प्रेम में बहन यह न समझ सकी की पड़ोसन उससे मजाक कर रही है। उसने ऐसा ही किया किंतु इस विधि से काफी समय लग गया मगर चावल नहीं पाक पाया। भाई की भूख बढ़ती जा रही थी क्योंकि वह काफी लंबा रास्ता तय करके आया था।

जब उसने अपनी बहन से पूछा तो बहन ने खाना बनाने की विधि बतायी।

भाई जोर से हंसने लगा और उसने पड़ोसन के मजाक को अपनी बहन से बताया। बहन दोबारा चूल्हा जलाकर झटपट खाना बनाती है और अपने भाई को भोजन कराती है। अपने भाई के स्वागत में तिलक लगाती है,हाथ में कलावा बांधती है और घी की बत्ती से उसकी आरती उतारती है।कुछ दिनों बहन के घर रह कर वह लौटने की जिद पकड़ लेता है। बहन उसे कुछ दिन और रहने के लिए कहती है ,किंतु वहां उसकी बूढ़ी मां गांव में इंतजार कर रही होगी ऐसा कहते हुए वह बहन को विदा करने के लिए मना लेता है।

बहन,भाई को रास्ते के लिए गेहूं पीसकर स्वादिष्ट लड्डू बना कर देती है। भाई अपनी बहन से विदा लेकर अपनी मां के पास निकल जाता है।कुछ देर बाद जब वह लड्डू को देखती है उसका रंग बदला हुआ होता है। जिस चक्की में वह गेहूं पिसती है वहां देखती है तो पाती है एक सांप उस चक्की में पिसाया हुआ है।  वह समझ जाती है आटे में सांप पिसा गया है वह भयभीत हो उठती है। अपने भाई का पीछा करते हुए काफी दूर निकल जाती है।

5 Famous Kahaniya In Hindi With Morals

3 majedar bhoot ki Kahani Hindi mai

भाई एक पेड़ के नीचे बैठा विश्राम कर रहा होता है।

बहन उससे लड्डू के विषय में पूछती है, तुमने लड्डू तो नहीं खाया। भाई ने कहा नहीं अभी लड्डू नहीं खाए हैं। वह भगवान का धन्यवाद करती है।  लड्डू की पोटली लेकर गड्ढा खोद उसमें सभी लड्डू को भर देती है। बहन को ऐसा करता देख भाई पूछता है क्या बात है ? तो वह सांप की घटना बता देती है। भाई कहता है बहन तुमने मुझे इस काल से तो बचा लिया किंतु पीछे तीन काल मेरा इंतजार कर रहा है। नदी,सांप,शेर की घटना अपनी बहन को बताता है। बहन दुखी होती है,कुछ समय बाद उसे जब प्यास लगती है तो वह पास के तालाब पर पानी पीने जाती है।

वहां एक बुढ़िया बैठी माला तैयार कर रही थी। बुढ़िया को देखकर बहन ने पूछा माता आप यहां क्या कर रही है? आप कौन हैं ?

वह बोली मैं विधाता हूं, एक लड़की के भाई के लिए माला तैयार कर रही हूं जिसका काल आने वाला है। उसकी बहन ने चक्की में पीस कर एक सांप को मार डाला है। बहन समझ गई वह उसी के भाई के लिए कह रही है। बहन ने पूछा इस काल से बचने के लिए क्या उपाय किया जा सकता है ,तो बुढ़िया विधाता ने कहा कि बहन अपने भाई को गाली देती रहे और जब तक उसका ब्याह ना हो जाए तब तक उसके साथ रहे। क्योंकि वही उस पर आने वाले काल को टाल सकती है। ऐसा ही हुआ बहन अब वापस अपने घर लौटने के बजाय भाई के साथ अपने मायके के लिए रवाना होती है। उसने रवाना होने से पहले खूब सारा मांस,दूध और एक ओढ़नी ले ली।

5 भगवान कृष्ण की कहानियां

महात्मा गाँधी की कहानियां

आगे बढ़ते हुए उसे सबसे पहले शेर मिलता है। वायदे के अनुसार उसके भाई को खाने वाला था। बहन ने आगे बढ़कर उसे खूब सारा मांस खाने को देती है।  शेर उस मांस को खाने में व्यस्त हो गया और वह दोनों भाई बहन आगे बढ़ गए। फिर उन्हें वह सांप मिलता है जिससे वायदा कर उसका भाई आगे बढ़ गया था। उस सांप को बहन ने दूध पीने को दिया और आगे बढ़ गई। नदी पार करते समय बहन ने नदी को ओढ़नी ओढ़ाई जिससे नदी प्रसन्न हुई और उसे सही सलामत पार करने के लिए रास्ता दिया।

सभी काल से बचते हुए भाई बहन अपने मां के यहां पहुंच गए। घर पहुंच कर वह अपने भाई को गाली देने लगी और वही गुस्से वाला मिजाज फिर धारण कर लिया। मां ने अपने बेटे से कहा मैं तुझे इसीलिए मना कर रही थी। यह हमेसा गुस्से में रहती है और गाली गलौज करती है इससे ज्यादा स्नेह मत कर। भाई ने कहा यह मुझे तीन-तीन काल से बचा कर लाई है,रास्ते भर तो ठीक थी यहां पहुंचकर न जाने से क्या हो गया !

कुछ दिन बाद भाई का रिश्ता आया, ब्याह की तारीख निश्चित हुई। विवाह के समय मंडप में बहन बैठती है। अग्नि से धधकती हुई ज्वाला उठकर पूरे मंडप को जला देती है। किंतु भाई पर कोई आंच नहीं आने देती। द्वार छीकाई की रस्म होती है बहन द्वार से पहले निकलती है और भाई को दूसरे द्वार से जाने के लिए कहती है। बहन जैसे ही आगे बढ़ती है पूरा का पूरा द्वार भरभरा कर नीचे गिर जाता है। यहां भी उसने अपने भाई की रक्षा की। सुहागरात के दिन वह अपने भाई के कमरे में पर्दा कर सोती है। जब भाई और भाभी नींद में होते हैं तभी एक विषधर सांप कमरे में प्रवेश करता है उसे पकड़ कर एक टोकरी में बंद कर देती है।

अब वह निश्चिंत हो चुकी थी कि अब इस पर कोई काल नहीं आने वाला है.

गुरु नानक देव जी की प्रसिद्ध कहानियां

भगवान महावीर की कहानियां

वह निश्चिंत होकर एक किनारे सो जाती है। बुढ़िया मां देखती है बेटी सो रही है सभी बारातियों को विदा कर दिया जाए। ऐसा ही किया सभी बारातियों को विदा कर दिया। बहन की नींद खुलती है तो वहां किसी को नहीं पाती है मां से पूछने पर पता चलता है सभी बाराती विदा हो चुके हैं। बहन अपनी मां से बारातियों को वापस बुलाने के लिए कहती है। मां सभी बारातियों को वापस बुला लाती है। बहन ने अपने स्वभाव और इस प्रकार के कार्यों के पीछे अपने उद्देश्य को सभी के सामने बताया। उसने यह भी बताया कि किस प्रकार मेरे भाई पर काल मंडरा रहा था।

उसे गाली देना और उसके साथ सदैव रहना मेरी मजबूरी थी क्योंकि इसी से मेरे भाई की रक्षा हो सकती थी। सभी प्रसन्न हुए क्योंकि वह सभी जानते थे कि वाकई बहन काफी समय से उसकी रक्षा कर रही थी ,किंतु उसके स्वभाव से लोग अनभिज्ञ थे। सभी लोगों ने मिलकर पहले पूरे सम्मान के साथ अपने बहन को विदा किया। तब पूरी बारात वहां से विदा हुई। इस घटना के बाद सभी बहने अपने भाई को तिलक कलावा और मंगल के सभी सामानों से अपने भाई की पूजा करती है।

उसके दीर्घायु निरोगी होने की कामना करती है।

अन्य कहानियां भी पढ़ें

छठ पूजा हिंदी कोट्स

Happy New Year Quotes

Maha purush ki Kahani

Gautam Budh ki Kahani

Tenali Rama stories in Hindi

स्वामी विवेकानंद जी की कहानियां

रविंद्र नाथ टैगोर की हिंदी कहानियां Rabindranath short stories

दीनबंधु की कहानी deenbandhu story in hindi

संत तिरुवल्लुवर की कहानी

Akbar Birbal Stories in Hindi with moral

9 Motivational story in Hindi for students

3 Best Story In Hindi For kids With Moral Values

moral kahani bachhon ke liye नदी जादू वाली की कहानी

5 मछली की कहानी नैतिक शिक्षा के साथ

101 Hindi short stories with moral for kids

Hindi Panchatantra stories पंचतंत्र की कहानिया

Bedtime stories in hindi

जादुई नगरी का रहस्य – Jadui Kahani

Hindi funny story for everyone haasya Kahani

Subhash chandra bose story in hindi

Motivational Kahani

17 Hindi Stories for kids with morals

Sikandar ki Kahani Hindi mai

Guru ki Mahima Hindi story – गुरु की महिमा

Hindi stories for class 1, 2 and 3

Moral Hindi stories for class 4

Hindi stories for class 8

Hindi stories for class 9

विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायक कहानियां Motivational Story For Students

बुद्धिमान राजकुमार की कहानी Rajkumar ki kahani

जातक कथा

Dahej pratha Hindi Kahani

Jitiya vrat Katha in Hindi – जितिया व्रत कथा हिंदी में

राजा भोज की कहानी

Prem kahani in hindi – प्रेम कहानिया हिंदी में

Love stories in hindi प्रेम की पहली निशानी

Prem katha love story in Hindi

कोरोना वायरस पर हिंदी कहानियां

करवा चौथ की कहानी

माँ के प्यार की ढेर सारी कहानिया Mother short story in hindi

Child story in hindi with easy to understand moral value

manavta ki kahani मानवता पर आधारित कहानिया

समापन

जैसा कि हम सभी जानते हैं भारत त्योहारों का देश है। यहां प्रकृति से लेकर पारिवारिक त्यौहार बड़े ही उत्साह और आनंद से मनाया जाता है।

भैया दूज ,रक्षाबंधन जैसे त्यौहार भाई-बहन का पवित्र त्योहार माना गया है। इस त्यौहार के पीछे पौराणिक तथा आधुनिक मान्यता भी है। बहने अपने भाई की लंबी आयु तथा निरोगी काया धन-धान्य आदि के लिए ईश्वर से प्रार्थना करती है। जन्म जन्मांतर तक भाई बहन का प्यार यूं ही बना रहे ऐसी कामना करती है।

आशा है यह लेख आपको पसंद आया हो अपने विचार तथा बहन-भाई के प्रेम से संबंधित कोई स्मृति साझा करना चाहते हैं तो कमेंट बॉक्स में लिखें।

Sharing is caring

Leave a Comment