भाषा लिपि और व्याकरण – Bhasha lipi aur vyakaran

भाषा , लिपि और व्याकरण की संपूर्ण जानकारी प्राप्त हेतु इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें। भाषा किसे कहते हैं और लिपि क्या होती है, इन सब का व्याकरण में क्या इस्तेमाल है यह सब आज आप जानेंगे।

इस लेख में भाषा की परिभाषा तथा उसके भेद , लिपि किसे कहते हैं और व्याकरण की क्या उपयोगिता है आदि की संपूर्ण जानकारी निहित है। यह लेख प्रतियोगी परीक्षा तथा ज्ञान अर्जन के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु है। यह लेख सभी स्तर के विद्यार्थियों के लिए उपयोगी है।

भाषा लिपि और व्याकरण की सम्पूर्ण जानकारी

सामान्य तौर पर भाषा अभिव्यक्ति का एक माध्यम है। मनुष्य इसका प्रयोग अपने विचारों के आदान-प्रदान के लिए करता है। लिपि अपने विचारों को लिखकर अभिव्यक्त करने का माध्यम है। हिंदी , पंजाबी , अंग्रेजी (देवनागरी लिपि , गुरुमुखी लिपि) यह सभी एक विशेष लिपि के अंग हैं। किसी भी विषय का अध्ययन वैज्ञानिक दृष्टि से किया जाता है , तो वह प्रमाणिक और विश्वसनीय हो जाता है।

भाषा के क्षेत्र में भी प्रमाणिक और विश्वसनीयता के लिए व्याकरण की आवश्यकता होती है।

व्याकरण की दृष्टि से साहित्य से संबंधित विषय का अध्ययन किया जाता है।

 

भाषा किसे कहते हैं

भाषा विचारों के आदान-प्रदान का एक माध्यम है। जिसे हम सामान्य तौर पर अभिव्यक्ति का माध्यम मान सकते हैं। मनुष्य सामाजिक प्राणी है , समाज में रहते हुए वह अपने विचारों के आदान-प्रदान के लिए विशेष प्रकार की भाषा का प्रयोग करता है।

क्योंकि मनुष्य संवेदनशील प्राणी है ,उसे सुख-दुख , हर्ष – विषाद आदि की अनुभूति होती है। अपने इन्हीं अनुभूति और विचारों के संप्रेषण के लिए भाषा की आवश्यकता होती है। जिसे मनुष्य बोल कर , लिख कर या सांकेतिक रूप से अपने विचारों को दूसरों तक पहुंचाता है तथा प्राप्त करता है।

भाषा के मुख्यतः तीन रूप हैं

  1. मौखिक – जैसा कि शब्द से ही स्पष्ट होता है जो मुख से द्वारा बोलकर अपने विचार प्रकट किए जाते हैं वह मौखिक भाषा के अंतर्गत आते हैं।
  2. लिखित – अपने विचारों को लिखकर अभिव्यक्ति की जाती है विशेष रूप से यह कार्यालय मैं पत्राचार , परिजन को लिखे संदेश आदि के लिए इसका प्रयोग किया जाता है।
  3. सांकेतिक – इसके अंतर्गत दो व्यक्ति आपस में संकेत के माध्यम से अपनी अभिव्यक्ति अपने विचार एक-दूसरे तक आदान-प्रदान करते हैं।  मुख्य रूप से यह मुक और बधिर व्यक्तियों की अहम भाषा है।

यहां स्पष्ट करना अति आवश्यक है कि भाषा की श्रेणी में केवल मानव द्वारा प्रकट की गई सार्थक/अर्थपूर्ण ध्वनि को ही रखा गया है। क्योंकि पशु-पक्षी भी अपने विचारों का आदान-प्रदान करते हैं। किंतु वह केवल ध्वनि या गर्जन आदि के माध्यम से अपने विचार प्रकट करते हैं , जो हर एक बार भिन्न होता है।

अतः यह व्याकरण की दृष्टि से भाषा का अंग नहीं है।

 

भाषा के प्रमुख लक्षण

  • भाषा अभिव्यक्ति का माध्यम है।
  • मनुष्य द्वारा बोली गई सार्थक व अर्थपूर्ण ध्वनि को ही भाषा माना जाता है।
  • ध्वनियों के सार्थक समूह को भाषा कहा जा सकता है।
  • भाषा ध्वनि संकेतों की एक व्याकरणिक व्यवस्था है।
  • प्रत्येक भाषा की अपनी एक व्याकरणिक व्यवस्था होती है।
  • भाषा का मुख्य उद्देश्य अपने विचारों की अभिव्यक्ति करना तथा दूसरे के विचारों को प्राप्त करना होता है।
  • व्याकरण की दृष्टि से केवल अर्थपूर्ण ध्वनि तथा चिन्हों को भाषा का दर्जा दिया जाता है।

लिपि किसे कहते हैं

मानव द्वारा उत्पन्न की गई सार्थक ध्वनि को एक निश्चित और व्याकरण की दृष्टि से चिह्न द्वारा अंकित करने की विधि को लिपि कहते हैं। मनुष्य जब किसी शब्द का उच्चारण करता है उसे शब्द चिन्हों द्वारा स्थाई रूप देने के लिए लिपि की आवश्यकता होती है। प्रत्येक भाषा की अपनी लिपि होती है

जैसे हिंदी भाषा देवनागरी लिपि में लिखी जाती है पंजाबी भाषा गुरुमुखी लिपि में लिखी जाती है इसी प्रकार रोमन तथा फारसी लिपि आदि होते हैं।

अर्थात मानव के मुख से निकली हुई सार्थक ध्वनि को उसका आकार और निश्चित रूप देने तथा लिखित रूप में स्पष्ट करने के लिए लिपि की आवश्यकता होती है। प्रत्येक स्वर तथा ध्वनि को विशेष चिन्ह द्वारा अंकित करने की विधि को लिपि कहते हैं।

लिपि  भाषा 
देवनागरी हिंदी , संस्कृत , मराठी , नेपाली
रोमन अंग्रेजी ,फ्रेंच ,जर्मन आदि।
गुरुमुखी पंजाबी
फ़ारसी उर्दू , अरबी

व्याकरण किसे कहते हैं

किसी भी साहित्य अथवा भाषा का अध्ययन एक पद्धति परिपाटी और निश्चित नियमों के अनुरूप किया जाता है। उन नियमों और परिपाटी को ही व्याकरण माना जाता है। व्याकरण वह नीति तथा शास्त्र है , जिसके द्वारा भाषा अथवा साहित्य का शुद्ध रूप से अध्ययन किया जाता है। भाषा के शुद्ध रूप और नियम बद्ध योजना को सामान्य तौर पर व्याकरण कहा जाता है , जो शुद्ध ज्ञान का परिचय कराता है। संभवत भाषा और व्याकरण का संबंध है।

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महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर ( भाषा लिपि और व्याकरण )

प्रश्न – भाषा किसे कहते हैं ? भारत में बोली जाने वाली प्रमुख भाषाओं का नाम बताइए।

उत्तर – मानव द्वारा उत्पन्न की गई सार्थक तथा अर्थ पूर्ण ध्वनि को भाषा कहते हैं। भारत में बोली जाने वाली प्रमुख भाषा है हिंदी , गुजराती , बंगाली , मराठी , तमिल , तेलुगू , कन्नड़ , उड़िया , मलयालम , शौरसेनी आदि।

 

प्रश्न – लिपि किसे कहते हैं ? किन्ही तीन लिपि के नाम बताइए।

उत्तर – मानव द्वारा उत्पन्न सार्थक ध्वनि को लिखित रूप में अंकित करने के लिए जिस भाषा अथवा चिन्ह की आवश्यकता होती है सामान्य रूप में उसे ही लिपि कहा जाता है।  मुख्य रूप से तीन लिपि – देवनागरी लिपि , रोमन लिपि , फारसी लिपि है।

 

प्रश्न – भाषा और बोली में क्या अंतर है ?

उत्तर – भाषा का क्षेत्र विस्तृत होता है तथा बोली एक क्षेत्रीय भाषा होती है। जैसे हिंदी एक भाषा है जो उत्तर भारत में बोली जाती है , किंतु मगही , भोजपुरी , हरियाणवी आदि बोलियां हैं जो किसी विशेष क्षेत्र में बोली जाती है।

 

प्रश्न – हिंदी भाषा के किन्ही चार प्रदेशों के नाम लिखिए।

उत्तर – बिहार , उत्तर प्रदेश , मध्य प्रदेश , हरियाणा।

 

प्रश्न – देवनागरी लिपि का विकास किस लिपि से माना जाता है ?

उत्तर – ब्राह्मी लिपि से

 

प्रश्न – हिंदी का संबंध किस लिपि से है ?

उत्तर – देवनागरी लिपि

 

प्रश्न – देवनागरी लिपि की किन्ही दो भाषाओं का नाम लिखें ?

उत्तर – हिंदी , संस्कृत

 

प्रश्न – पंजाबी भाषा किस लिपि की है

उत्तर – गुरुमुखी

 

प्रश्न – उर्दू भाषा की लिपि क्या है ?

उत्तर – फारसी

 

प्रश्न – अंग्रेजी भाषा किस लिपि की है ?

उत्तर – रोमन लिपि

 

प्रश्न – भारत की राष्ट्रभाषा का नाम बताइए तथा उसकी लिपि भी लिखें

उत्तर – भारत की राष्ट्रभाषा हिंदी है तथा उसकी लिपि देवनागरी है

 

प्रश्न – बोली तथा उपभाषा में क्या अंतर है ?

उत्तर – बोली क्षेत्रीय होती है , उसमें साहित्य की रचना संभवतः नहीं की जाती तथा उपभाषा साहित्य की भाषा होती है। उपभाषा की अनेकों बोलियां होती हैं।

 

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2 thoughts on “भाषा लिपि और व्याकरण – Bhasha lipi aur vyakaran”

  1. मुझे आपकी वैबसाइट बहुत पसंद आई। आपने काफी मेहनत की है। मैंने आपकी वैबसाइट को बुकमार्क कर लिया है। हमे उम्मीद है की आप आगे भी ऐसी ही अच्छी जानकारी हमे उपलब्ध कराते रहेंगे।

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  2. मुझे नहीं लगता कि भाषा लिपि और व्याकरण विषय पर इतनी अच्छी जानकारी कहीं और इतने बेहतर तरीके से दी गई है. हिंदी विभाग को मैं धन्यवाद करना चाहूंगा कि उन्होंने इतने अच्छे तरीके से इस विषय को समझाया है.

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