Best collection of Chanakya Quotes in Hindi with images and other things. This post includes Suvichar, Anmol vachan, and Hindi Quotes said by Acharya Chanakya.
आचार्य चाणक्य कुशल राजनीतिज्ञ और विद्वान गुरु थे जिन्होंने तक्षशिला विश्वविद्यालय में अध्यापन का कार्य भी किया। तक्षशिला वह विद्यालय था जहां देश-विदेश से विद्यार्थी आकर शिक्षा ग्रहण किया करते थे। माना जाता है इस विश्वविद्यालय के द्वारपाल भी संस्कृत में वार्तालाप किया करते थे।
इस लेख में आचार्य चाणक्य के निति , सुविचार और अनमोल वचनों का संकलन प्राप्त कर सकते हैं। आचार्य चाणक्य के द्वारा बोले गए वचनों और दिखाए गए मार्गों पर चलकर आप अपने जीवन को सफल बना सकते हैं और लक्ष्य की प्राप्ति कर सकते हैं।
आचार्य चाणक्य के सुविचार हिंदी में – Chanakya Quotes in Hindi
1.
मूर्ख व्यक्ति सदैव दुस्साहसी होता है
जो सदैव अनीति का पालन करता है । ।
2.
ना भूत की चिंता करो ना भविष्य की
समझदार लोग वर्तमान में जीते हैं
3.
विजय की प्रबल इच्छा, अनुशासन
और कुशलता आपको सफल बनाती है।
4.
थोड़ी सी असफलता से
भाग्य के भरोसे बैठना
कायरता का परिचय है।
5.
एक सूखा पेड़ पूरे जंगल को जलाकर राख कर सकता है
उसी प्रकार एक दुष्ट व्यक्ति पूरे समाज के लिए खतरा है
6.
सच्चे मित्र की प्राप्ति से
बल की वृद्धि होती है। ।
7.
आपकी विजय इस बात पर
निर्भर करती है कि
आप कितने आत्मविश्वासी
और दृढ़ संकल्पी हैं।
8.
प्यार और लगाव में बहुत अंतर होता है
प्यार आपको आजाद और लगाव आपको कमजोर करता है
9.
धरोहर के रूप में रखा गया धन ,
स्वार्थ पूर्ति के लिए नहीं होता। ।
किसी के द्वारा दिया गया धरोहर रूप में धन का प्रयोग स्वयं के उपयोग के लिए नहीं होता। ऐसा करने पर अपनी आत्मा को मारने के बराबर होता है। उस धन का कोई लाभ नहीं जो आपके मेहनत से ना उपजी हो। ऐसा धन सदैव दुख का कारण बनती है जो दूसरों के द्वारा कमाई गई हो।
10.
दान में श्रेष्ठ वह दान है जो निस्वार्थ हो। ।
आचार्य चाणक्य उस दान को श्रेष्ठ मानते हैं जो इच्छा रहित हो जो निस्वार्थ हो। वह दान जो किसी का कल्याण करने के उद्देश्य से किया गया हो , जिसके फल की इच्छा ना हो वैसा दान सर्वश्रेष्ठ है। इस प्रकार का दान करने वाला सबसे महान व्यक्ति होता है।
11.
धर्म ही इस सृष्टि को धारण किए हुए हैं। ।
धार्मिक लोगों के कारण ही आज यह पृथ्वी का पोषण संभव है। अधर्म करने वाले लोग अगर इस पृथ्वी पर बहुसंख्यक मात्रा में हो जाए तो इस सृष्टि का तत्काल नाश हो जाएगा। धर्म परायण लोगों के माध्यम से ही सृष्टि का भार है।
Famous Chanakya Quotes in Hindi
12.
किसी आलसी व्यक्ति को
कार्य सौंप कर ,
निश्चिंत नहीं बैठना चाहिए । ।
कोई अधिकारी अपने कार्यों को किसी आलसी व्यक्ति के पास सोता है तो निश्चित है वह कार्य असफल होगा। आवश्यकता है अहम कार्य को किसी आलसी व्यक्ति को ना सौंपकर स्वयं करें और उस पर नजर बनाए रखें।
13.
पापी व्यक्ति को निंदा का भय नहीं होता। ।
जो व्यक्ति पाप की राह पर निकल जाता है , जिसका दिन-रात पाप करना ही धर्म बन जाता है। वह व्यक्ति निंदा का भय त्याग देता है।
14.
ज्ञान , नीति , तेजस्वी भाव राजा के है गुण सभी। ।
राज्य चलाने के लिए राजा के पास नीति ज्ञान और तेजस्वी स्वभाव होना चाहिए। यह गुण उसके ना होने पर राजा अपने राज्य का ठीक प्रकार से पालन नहीं कर पाएगा।
15.
शत्रु का वध करने के लिए ,
उत्साह का होना आवश्यक है। ।
शत्रु का वध तब तक संभव नहीं है जब तक आपके पास उत्साह नहीं है उत्साह से आते हैं साहस , इच्छा शक्ति तथा सामर्थ।
16.
सच्चा उपकारी वही होता है
जो स्वार्थ से दूर होता है। ।
जो व्यक्ति सच्चा उपकारी होता है वह निजी स्वार्थ से सदैव दूर रहता है। वह केवल लोकहित में ही अपना कार्य करता है। स्वार्थ का मन में आने से उपकार की भावना समाप्त हो जाती है।
Best Chanakya niti in Hindi
17.
सत पुरुषों के विरुद्ध आचरण करना
स्वयं के लिए हानिकारक है। ।
जो व्यक्ति महापुरुषों सत्य का आचरण करने वाले लोगों के विरुद्ध कार्य करते हैं , वह स्वयं के लिए हानिकारक तो होते ही हैं। समाज के लिए भी हानिकारक सिद्ध होते हैं।
18.
निर्गुणी भी गुणी व्यक्ति का
आश्रय पाकर
गुणवान बन जाता है। ।
कहने का तात्पर्य यह है कि जैसा वातावरण प्राप्त होता है वैसी ही प्रतिक्रिया आने की संभावना रहती है। संस्कार भी वैसे ही परिवर्तित हो जाते हैं।
19.
शिक्षित व्यक्ति को चाहिए मूर्खों से विवाद ना करें। ।
मूर्ख सदैव विवाद को जन्म देते हैं , वह कभी समझने का प्रयत्न नहीं करते। अतः शिक्षित व्यक्ति को चाहिए ऐसे मूर्ख लोगों से विवाद ना उत्पन्न करें। बल्कि मूर्ख व्यक्ति को देखते ही दूरी बना लेना ही शिक्षित व्यक्ति का कर्तव्य है।
20.
मूर्ख व्यक्ति कभी किसी का सगा नहीं हो सकता। ।
मूर्ख लोगों से सदैव दूरी बनाकर रहना चाहिए क्योंकि ऐसे लोग सदैव आपको संकट में डालने को तत्पर रहते हैं। उनकी मूर्खता आपके विचारों और जानकारियों को कभी भी शुद्ध तथा गोपनीय नहीं रहने देंगे।
21.
दान से बड़ा कोई धर्म नहीं। ।
महारथी कर्ण अपने दानवीरता दान धर्म के माध्यम से प्रसिद्ध हुए , उनसे बड़ा कोई दानी नहीं हुआ। आज उनकी गणना दानवीर में की जाती है क्योंकि यह उनका धर्म था .जिसके आगे देवता भी नतमस्तक हुए।
22.
मूर्ख लोगों की मूल प्रवृत्ति होती है
वह सदैव गलत आचरण करते हैं
स्वयं को सही साबित करने का
अथक प्रयत्न भी करते हैं।
23.
मूर्ख व्यक्ति मूर्खतापूर्ण भाषा ही समझता है
उसके समक्ष शिष्टाचार और
शास्त्रों की बातें करना व्यर्थ है
आपकी मीठी वाणी
उनके लिए कटु वचन समान है।
24.
जिस प्रकार लोहे से लोहे को काटा जाता है
इसी प्रकार मूर्ख लोगों को मूर्खता से ही
शांत किया जा सकता है।
उसे अपने वश में किया जा सकता है ,
मूर्ख लोगों से वार्तालाप करने की सही विधि है।
25.
सच्चा मित्र सुख दुख में शामिल होता है
वह अपने मित्र को दुख में अकेला नहीं छोड़ता
यही दुख सहन करने का साहस देता है।
26.
दुख और संकट के समय
हर एक व्यक्ति आप से पीछा छुड़ाना चाहता है
किंतु जो सच्चा व्यक्ति होता है
वह आपको दुख के क्षण में कभी अकेला नहीं छोड़ेगा
ऐसे व्यक्तियों से सदैव विनम्र भाव रखकर
उसकी अहमियत को पहचानिए।
27.
मूर्ख के साथ मूर्खता का व्यवहार करना सर्वथा उचित है। ।
28.
लोहे से लोहे को काटना सरल है। ।
29.
संकट के समय मित्र की ,
सच्ची पहचान होती है । ।
30.
बिना इच्छाशक्ति के
कोई कार्य
पूर्ण नहीं होता।
Chanakya Quotes in Hindi with deep meaning
31.
स्वयं को भाग्यहीन समझना बंद करें
और आगामी
लक्ष्य की तैयारी के लिए तत्पर रहें।
32.
सकारात्मक रहने वाला व्यक्ति
इतिहास के पृष्ठों में
अपना नाम दर्ज कर सकता है।
33.
श्रेष्ठता इसमें नहीं कि आप विजई हुए
विजय को बरकरार रखना
श्रेष्ठता का परिचय है।
34.
कोई आचरण हीन व्यक्ति
धनी तो हो सकता है
लेकिन सफल व्यक्तियों की
पंक्ति में शामिल नहीं हो सकता
उसके कर्म उसके अस्तित्व को
शनै शनै नष्ट करती है।
35.
व्यक्ति जिस प्रकार से धन कमाता है
उसी प्रकार वह धन कार्य करता है
चोरी का धन मन के भावों को गलत दिशा में ले जाता है
वही परिश्रम से अर्जित धन
जीवन को पोषित करने का कार्य करता है।
36.
किसी भी महान कार्य को करने से पूर्व
उसकी समग्र जानकारी हासिल करें
सफलता, असफलता पर भी विचार करें।
37.
जो व्यक्ति स्वयं से प्यार करता है
स्वयं को सम्मान देता है
उससे बड़ा स्वाभिमानी कोई और नहीं।
38.
अपनी भावनाओं का आकलन
समय-समय पर करना
आवश्यक होता है
यह भावनाएं आपके
विचारों को नियंत्रित करती है।
39.
जिस व्यक्ति में कार्य के प्रति
उत्कट इच्छा नहीं होती
वह कार्य भाग्य के भरोसे रहते हैं।
40.
जब भी जीवन में कठिन समय आए
अपने धैर्य का साथ करें
यही आपको विकट परिस्थितियों में साथ देगा
41.
शिक्षा एक ऐसी सम्पदा है
जिसे आपसे
कोई चुरा नहीं सकता।
42.
विद्यार्थी का आलस केवल
विद्यार्थी को क्षति नहीं पहुंचाती
अपितु पुरे राष्ट्र को क्षति पंहुचाती है।
43.
आकर्षण ही ध्यान को भटकता है
यह आकर्षण चाहे किसी प्रकार का हो।
44.
श्रेष्ठ पाना है तो श्रेष्ठ करने की आवश्यकता है।
Chanakya Quotes in Hindi for Success
45.
किसी कार्य के पूर्ण होने में
आपकी प्रबल इच्छा कार्य करती है।
46.
अपनी असफलताओं का विश्लेषण कीजिए
यही विश्लेषण आपका सच्चा मार्गदर्शक है।
47.
जीतने की कोई उम्र नहीं होती
आपकी इच्छा शक्ति पर निर्भर है
आप कब और क्या जीतना चाहते है।
48.
दुश्मन चाहे कितना ही छोटा क्यों न हो
उसे छोटा समझने की भूल मत करना
यही छोटा विशाल रूप
धारण करने में समय नहीं लगता।
49.
जो योग्य नहीं है उसका त्याग ही
उचित विकल्प है यही राष्ट्र हित है।
50.
शत्रु को सीधा चुनौती देने के बजाय
उसके बाहरी व कमजोर भाग पर चोट करो
क्योंकि शत्रु अपने गढ़ में
सबसे मजबूत स्थिति में होता है।
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आचार्य चाणक्य
आचार्य चाणक्य तक्षशिला के आचार्य थे। तक्षशिला प्राचीनतम विश्वविद्यालयों में अपना स्थान रखता है। यहां हिंदू , बौद्ध , राजनीति , आयुर्वेद आदि अनेक विषयों की शिक्षा-दीक्षा का कार्य चलता था।
यहां विद्यार्थी रहकर अपने शिक्षा को पूरा किया करते थे। आचार्य चाणक्य तक्षशिला के वरिष्ठ आचार्यों में से एक थे।
आचार्य चाणक्य बाल्यकाल से ही कुशाग्र बुद्धि के थे माना जाता है। उन्होंने चौथी शताब्दी ईसा पूर्व जब यूनान और सिकंदर अपनी सेना के साथ भारत पर आक्रमण करने के लिए कदम बढ़ा चुका था। वह मगध साम्राज्य के शासक धनानंद के पास उनका ध्यान आकृष्ट करने पहुंचे , किंतु धनानंद सत्ता और मदिरा के नशे में खोया हुआ था।
चाणक्य ने जब इन सभी विषयों को दरबार में रखा धनानंद क्रोध से आग बबूला हो गया और चाणक्य की शिखा (चोटी) पकड़ कर दरबार से बाहर निकाल दिया।
चाणक्य इस कृत्य से बेहद दुखी हुए , स्वयं को अपमानित मानकर उन्होंने वचन लिया मगध साम्राज्य की सत्ता से नंद वंश का शासन उखाड़ फेंकेगे। यही हुआ उन्होंने एक साधारण से बालक चंद्रगुप्त को प्रशिक्षण देकर नंद वंश को मगर शासन से उखाड़ फेंका और मौर्य साम्राज्य की स्थापना की।
आचार्य चाणक्य मौर्य साम्राज्य में महामंत्री के पद पर सुशोभित हुए।
उनकी देखरेख में चंद्रगुप्त ने दूर-दूर के देशों को जीतकर चाणक्य के चरणों में ला डाला। मगध साम्राज्य को विशाल और सुदृढ़ बनाने में आचार्य चाणक्य योगदान भुलाया नहीं जा सकता।
आचार्य चाणक्य कि विवेक शक्ति का कोई सानी नहीं था। उनकी कुशाग्र बुद्धि का ही परिणाम था कि एक साधारण सा बालक चंद्रगुप्त जो मगध का शासक बन सका। आचार्य चाणक्य देश ही नहीं अपितु विदेश में भी सराहनीय है। उनके करोड़ों प्रशंसक आज भी मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हैं।
उनका अनुकरण करने के लिए आज भी उनके विचारों , लेखों को पढ़ते हैं।
जिससे उन्हें कुछ ज्ञान और नीति की बातें सीखने को मिल सके आचार्य चाणक्य भारत के गौरव हैं।
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चाणक्य मेरे हिसाब से महान पुरुषों की श्रेणी में भी सर्वश्रेष्ठ है और मेरे लिए प्रेरणा का स्रोत है. उनसे जितनी प्रेरणा ग्रहण की जा सके उतनी कम है. आपने जो चाणक्य के सुविचार लिखे हैं वह बहुत प्रेरणादायक और अतुलनीय है.