क्रिप्टो करेंसी क्या है? संपूर्ण जानकारी प्राप्त करें

क्रिप्टो करेंसी वर्तमान समय में सबसे लोकप्रिय करेंसी है। यह कुछ ही समय में गुणात्मक रूप से रिटर्न देती है, इसलिए आज हर एक निवेशक क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने की चाहत रखता है। इस लेख में आप विस्तृत रूप से क्रिप्टो करेंसी के विषय में जानकारी हासिल करेंगे। आपके लिए क्रिप्टो करेंसी में निवेश करना फायदेमंद है? अथवा नहीं इस का भी अवलोकन कर सकेंगे।

क्रिप्टो करंसी विश्व स्तर पर लोकप्रिय है, आज के दौर में भारत भी पीछे नहीं है। भारत में इस करेंसी के लिए कोई नियम कानून अभी तक नहीं बनाया गया है, जबकि विदेशों में इसका प्रचलन खूब जोर पर है।

इसके माध्यम से निवेशक भारी मात्रा में मुनाफा कमा रहे हैं।

जो कुछ वर्षों पहले कौड़ी के भाव डिजिटल करेंसी बिका करती थी आज उनका मूल्य करोड़ों में है।

यही कारण है कि निवेशकों को यह बाजार लुभा रहा है। क्रिप्टो अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा है, इस पर किसी एक देश का नियंत्रण नहीं है। इसे किसी भी देश में खरीदा या बेचा जा सकता है। क्रिप्टो का शाब्दिक अर्थ है छुपा हुआ , करेंसी का अर्थ है मुद्रा अर्थात वह मुद्रा या पूंजी जो छुपी हुई हो। यह गोपनीय डिजिटल करेंसी है जो केवल खरीदने और बेचने वाले के बीच गुप्त रहती है।

इस कारण इस पर किसी बैंक या सरकार का नियंत्रण नहीं रहता।

क्रिप्टो करेंसी क्या है / डिजिटल करेंसी क्या है

क्रिप्टोकरंसी या डिजिटल करेंसी की मांग आज वैश्विक बाजार में अधिक है। पूंजी निवेश करने वाले व्यक्ति क्रिप्टोकरंसी को अधिक अहमियत दे रहे हैं।  जिसका कारण है इसका लेनदेन गुप्त होना तथा गुणात्मक रूप से लाभ मिलना। क्रिप्टो का अर्थ है छुपा हुआ, करेंसी का अर्थ है मुद्रा। अर्थात वह मुद्रा जो छुपी हुई हो। इस पर किसी देश या सरकार का नियंत्रण नहीं होता व्यक्ति अपने करेंसी का नियंत्रण खुद करता है।

उसके लिए बैंक की आवश्यकता नहीं होती।

यह सारी प्रक्रिया ऑनलाइन संभव है इसलिए इसे डिजिटल करेंसी के नाम से भी जाना जाता है।

बाजार में आज क्रिप्टो करेंसी के विभिन्न रूप है जिसमें बिटकॉइन सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है।

इसके अलावा –

  • लाइटकॉइन,
  • इथेरियम,
  • जेडकैश,
  • डोजकॉइन,
  • रिपल

आदि भी प्रसिद्ध है।

बिटकॉइन सबसे पहला डिजिटल करेंसी है और इसका लाभ लोगों ने हजारों गुना ज्यादा प्राप्त किया

इसलिए यह बाजार में अधिक लोकप्रिय है

बिटकॉइन क्या है इसकी शुरुआत कब हुई

बिटकॉइन की शुरुआत जापानी प्रोग्रामर सतोशी नाकामोतो ने साल 2009 में की थी। बिटकॉइन पूर्ण रूप से डिजिटल करेंसी थी। इसे पहला क्रिप्टो करेंसी माना गया है। बिटकॉइन की शुरुआत से ही क्रिप्टो करंसी प्रचलन में आया।

यह करेंसी ब्लॉकचेन पर आधारित है, इसे हैक कर पाना बेहद मुश्किल है।

क्योंकि यह पब्लिक खाता में दर्ज किया जाता है, जिसे मिटाना या जोड़ना संभव नहीं है। इसकी जानकारी केवल खरीदने और बेचने वाले के बीच रहती है। तीसरे व्यक्ति का इसमें किसी प्रकार से आंशिक मात्र भी संलिप्तता नहीं होती है। इसी छुपी हुई प्रक्रिया के आधार पर इसका नाम क्रिप्टोकरंसी रखा गया। एक बिटकॉइन यूनिट को सतोशी कहा जाता है। एक बिटकॉइन में दस करोड़ सतोशी होते हैं। इसके लेनदेन की प्रक्रिया में क्रिप्टोग्राफी का प्रयोग किया जाता है।

जिसे हम साधारण रूप से ब्लॉकचेन नेटवर्क के नाम से जानते हैं।

इसकी पहचान गोपनीय रखी जाती है। एक ऐसी भाषा का प्रयोग किया जाता है जिसे अन्य कोई नहीं समझ सकता। इसलिए इसपर किसी बैंक, देश या सरकार का नियंत्रण नहीं है। कुछ देशों ने क्रिप्टोकरंसी के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है। किंतु अधिकतर देशों में यह वैध है या इस करेंसी के लिए कोई नियम कानून नहीं है। जिसमें भारत भी एक ऐसा देश है जिसमें क्रिप्टोकरंसी के लिए जुलाई 2021 तक कोई नियम कानून नहीं है।

क्रिप्टोकरंसी कितने प्रकार की है

क्रिप्टोकरंसी पूरे विश्व में हजारों प्रकार की प्रचलन में है, जिसमें कितनी ही करेंसी गुप्त रूप से कार्य कर रही है। जिसका नाम अभी बाजार में उभर कर नहीं आया है। कुछ ही क्रिप्टोकरंसी के नाम पर प्रचलन में है जिनमें कुछ प्रमुख नाम निम्नलिखित हैं –

क्रिप्टो करेंसी का नाम सिंबल 1 क्रिप्टोकरंसी की अनुमानित मूल्य
Bitcoin BTC 25.10 लाख रुपए
Ethereum ETH 1.56 लाख रुपए
Binance BNB 23 लाख रुपए
Polkadot DOT 1188 रुपए
Uniswap UNI 1575 रुपए
Cardano ADA 103 रुपए

यह मूल्य अनुमानित है इसका परिवर्तन एक दिन में भी हजारों अंक के साथ देखने को मिलता है इसलिए यह केवल संकेत के लिए दिए गए हैं।

बिटकॉइन की लोकप्रियता अधिक क्यों है

बिटकॉइन की लोकप्रियता का सबसे बड़ा कारण यह है कि यह पहली डिजिटल करेंसी है। शुरुआती दौर में यह बेहद सस्ती हुआ करती थी, लोगों को इसकी अहमियत तब पता चली जब 2015 में अचानक बिटकॉइन का मूल्य पचास हजार गुना बढ़ गया।

तब से बिटकॉइन ने बाजार में निवेशकों को बड़ी मात्रा में आकर्षित किया है।

दुनिया के बड़े बड़े अमीर पूंजी पतियों ने बिटकॉइन में निवेश किया यहां तक कि भारत के कई बड़े अभिनेता, मंत्री इत्यादि ने भी बिटकॉइन में निवेश कर मोटा मुनाफा कमाया।

2021 में विश्व के सबसे अमीर व्यक्ति टेस्ला कंपनी के मालिक एलन मस्क ने भी बिटकॉइन में निवेश कर अमीरी की सीढ़ी चढ़ी थी।

क्रिप्टो करेंसी कैसे खरीद और बेच सकते हैं

जैसा कि हम जानते हैं क्रिप्टो करेंसी डिजिटल करेंसी होती है, इसके लिए हमें ऑनलाइन का सहारा लेना पड़ता है। इसकी लेनदेन के लिए हमें वॉलेट की आवश्यकता होती है।

जिसमें विभिन्न प्रकार से पैसे डाले जा सकते हैं

जैसे

  • डेबिट कार्ड,
  • क्रेडिट कार्ड,
  • यूपीआई आदि।

इस वॉलेट को के.वाई.सी (kyc) के माध्यम से अपने बैंक से लिंक कराना होगा। बैंक खाता वॉलेट से लिंक होते ही आप विभिन्न प्रकार की क्रिप्टो करेंसी खरीदने के लिए पात्र हो जाते हैं। यहां से आप क्रिप्टोकरंसी खरीद तथा बेच सकते हैं। इसका लेन-देन बेहद सुविधाजनक है कुछ ही मिनट में आप क्रिप्टो करेंसी को खरीद या बेच सकते हैं। इसका बेचा गया मूल्य आपके बैंक में हस्तांतरित कर दिया जाता है।

क्रिप्टोकरंसी के लेनदेन से पहले आपको वॉलेट की सत्यता को जांच ना होगा।

क्रिप्टो करेंसी की मांग बढ़ते ही बाजार में धोखाधड़ी के इरादे से अनेकों ऐसे फर्जी वॉलेट तैयार किए गए हैं जिसमें खाता लिंक कर व्यक्ति अपना वित्तीय नुकसान कर बैठता है। इस प्रकार की धोखाधड़ी से बचने के लिए आपको वास्तविक वॉलेट का प्रयोग करना चाहिए।

कुछ प्रचलित वॉलेट निम्नलिखित है जिसका प्रयोग डिजिटल करेंसी के लेनदेन हेतु कर सकते हैं

  1. Wazirx
  2. Huobi
  3. coinDCX
  4. ZebPay Binance

क्या क्रिप्टो करेंसी खरीदना सुरक्षित है

क्रिप्टो करेंसी पूर्ण रूप से सुरक्षित है, क्योंकि यह पब्लिक खाता पर आधारित कार्य करता है जिसे ब्लॉकचेन कहते हैं। इसको हैक करना या तोड़ पाना बेहद मुश्किल है, कहे तो नामुमकिन है। कुछ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर दिखाए गए सीरियल में क्रिप्टो करेंसी को हैक करता हुआ दिखाया गया है। किंतु यह वास्तविकता के विपरीत है। ऐसा करना वर्तमान समय में असंभव है, किंतु फिर भी यह डिजिटल करेंसी होने के नाते इसे हैक करने की संभावना बनी रहती है।

अगर व्यक्ति स्वयं से सावधानी न बरतें अपनी गोपनीय जानकारी किसी के साथ साझा ना करें तो इसे हैक कर पाना नामुमकिन है। इसकी हैकिंग से बचने के लिए स्वयं की लापरवाही पर ध्यान देना होगा। क्रिप्टो करेंसी का मूल्य एक दिन में हजारों अंक के साथ गिरता तथा चढ़ता है। अतः यहां जोखिम बहुत अधिक होता है, क्रिप्टोकरंसी का प्रयोग मोबाइल वॉलेट से किया जाता है। किसी कारण से वॉलेट का पासवर्ड या उससे संबंधित जानकारी आप भूल जाते हैं तो उसे पुनः प्राप्त करने की कोई संभावना नहीं रहती है।

ऐसी स्थिति में आप अपने वॉलेट में रखी हुई समस्त राशि को खो देते हैं।

अतः आपको क्रिप्टो करेंसी के प्रयोग में स्वयं से सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

ब्लॉकचेन किस प्रकार कार्य करता है

ब्लॉकचेन को डिजिटल करेंसी के क्षेत्र में क्रिप्टोग्राफी के नाम से जाना जाता है।

क्रिप्टोग्राफी या ब्लॉकचेन नेटवर्क वह पब्लिक खाता होता है जहां एक बार किसी अंक को दर्ज करने पर उस अंक को कम या ज्यादा नहीं किया जा सकता। इस अंक की जानकारी दो व्यक्तियों के मध्य ही रहती है, तीसरा व्यक्ति इस अंक की भाषा को नहीं समझ पाता। यही कारण है कि यह गुप्त रूप से कार्य करती है, जिस पर बैंक देश या सरकार का नियंत्रण नहीं होता।

ब्लॉकचेन तकनीक पर कार्य होने से इसे हैक कर पाना बेहद ही मुश्किल है, कहे तो नामुमकिन है। इसी प्रक्रिया ने क्रिप्टोकरंसी को विश्वसनीय बनाया है, जिसमें किसी तीसरे व्यक्ति का हस्तक्षेप नहीं होता।

क्रिप्टो करेंसी खरीदने के फायदे

क्रिप्टो करेंसी निश्चित रूप से फायदे का सौदा साबित हो रहा है, क्योंकि इसमें किसी तीसरे व्यक्ति का हस्तक्षेप नहीं रहता। आप ऑनलाइन इसका भुगतान कर सकते हैं। इसके लिए कोई एक देश सीमित नहीं है, बल्कि आप किसी भी देश में इसका भुगतान कर सुविधा तथा सेवा ले सकते हैं। आज रेस्टोरेंट, मॉल, ऑनलाइन खरीदारी आदि में क्रिप्टोकरंसी का प्रयोग किया जा रहा है। बड़ी-बड़ी कंपनियां इसका भुगतान स्वीकार कर रही है।

गूगल, माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियां बिटकॉइन में पैसा स्वीकार करती हैं।

यह तीव्र गति से मुनाफा देने का कार्य करती है जिसके कारण क्रिप्टोकरंसी खरीदना वर्तमान समय में फायदे का सौदा है। किंतु आप उन्हीं क्रिप्टो करेंसी को खरीदें जो बाजार में प्रचलित है और जिस करेंसी पर बड़े-बड़े निवेशक विश्वास करते हैं।

जैसे बिटकॉइन एक ऐसी करेंसी है जिसमें बड़े बड़े पूंजीपति विश्वास करते हैं।

अपना पूंजी निवेश करते हैं, ऐसी क्रिप्टोकरंसी जल्दी घाटे में परिवर्तित नहीं होती।

क्रिप्टो करेंसी के नुकसान तथा जोखिम

क्रिप्टो करेंसी डिजिटल करेंसी है और यह ब्लॉकचेन पर आधारित कार्य करती है। इससे संबंधित छोटी सी जानकारी भी अगर आप भूल जाते हैं तो आप अपनी करेंसी को खो बैठते हैं। आपका हार्ड डिस्क खराब होने पर भी इस करेंसी को खोने की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। डिजिटल क्षेत्र में निरंतर हैकिंग की संभावना बनी रहती है। अतः यह जोखिम सदैव निवेशकों को सताता रहता है। साथ ही इस करेंसी का मूल्य स्थिर नहीं रहता एक-एक दिन में हजारों हजार अंक ऊपर नीचे होते रहते हैं, जो चिंता का विषय है।

इस क्षेत्र में किसी तीसरे व्यक्ति का हस्तक्षेप नहीं होता जैसे बैंक, सरकार या किसी देश का।

ऐसी स्थिति में आपके साथ धोखाधड़ी होने पर किसी प्रकार की सुनवाई नहीं हो सकती और ना ही किसी प्रकार से आप मदद प्राप्त कर सकते हैं। आपकी करेंसी होने पर आप उसे किसी भी स्थिति में प्राप्त नहीं कर सकते। क्रिप्टो करेंसी या तकनीकी क्षेत्र सदैव हैकरों की नजर पर रहता है। वह बात अलग है कि अभी तक क्रिप्टो करेंसी को हैक नहीं किया जा सकता है।  किंतु फिर भी हैकिंग की संभावना तो बनी ही रहती है।

अतः इस जोखिम पर आपको विचार करना होगा।

क्रिप्टो करेंसी से संबंधित कानून

बाजार में डिजिटल करेंसी का प्रचलन हाल ही कुछ विगत वर्षों में आरंभ हुआ है। इसको लेकर विभिन्न देशों में नियम कानून बना दिए गए हैं। कुछ देशों में इस करेंसी के अवैध प्रयोग को देखते हुए पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दिया गया है। वहीं भारत की स्थिति अभी असमंजस की है। यहां क्रिप्टोकरंसी को लेकर कोई नियम कानून नहीं है। सरकार इस पर ध्यान दे रही है, इसकी उपयोगिता दुष्प्रभाव आदि का आकलन कर जल्द ही नियम कानून बनाने पर विचार कर रही है।

हाल ही कुछ महीनों में वित्त मंत्री ने इस क्षेत्र में कानून बनाने की ओर इशारा किया है।

अगर आप भारत में क्रिप्टोकरंसी में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो भारत सरकार किस प्रकार का कानून बनाएगी उसे भी आप को ध्यान में रखना होगा। अगर आप वर्तमान समय में क्रिप्टो करेंसी खरीदते भी हैं तो सरकार द्वारा प्रतिबंधित किए जाने पर कुछ समय में आप उसे बेच भी सकते हैं।

इसको लेकर भारत में अभी फिलहाल कोई कानून नहीं है।

भारतीय रिजर्व बैंक की डिजिटल करेंसी

जुलाई 2021 के अंतिम सप्ताह में संसद का मानसून सत्र आरंभ हो चुका था। ऐसे में भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी डिजिटल करेंसी को जारी करने की घोषणा कर सबको चौंका दिया। भारत में डिजिटल करेंसी को लेकर किसी प्रकार की दिशा निर्देश नहीं है। सरकार इसके गलत प्रयोग को लेकर विचार विमर्श कर ही रही थी और शायद मानसून सत्र में इसके प्रयोग पर प्रतिबंध भी लगाना चाह रही थी। ऐसे में भारतीय रिजर्व बैंक ने डिजिटल करेंसी को वर्तमान समय की आवश्यकता मान लागू करने की संभावना को हवा दे दी।

यह पूर्ण रूप से भारत सरकार के नियंत्रण में रुपए का इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप होगा।

यह पेटीएम, ऐमेज़ॉन,  गूगल पर आधारित कार्य करेगा।

अर्थात आप अपने फोन के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक करेंसी को अपनी आवश्यकता अनुरूप प्रयोग कर सकेंगे। इससे प्रचलित मुद्रा पर भार कम पड़ेगा उस की छपाई पर आने वाला खर्च भी घटेगा। फिलहाल आर.बी.आई. ने अपने विचार प्रकट किए हैं, अभी इस क्षेत्र में कार्य किया जाएगा। इसका प्रयोग सामान्य लोगों के लिए होगा या बड़े स्तर पर होगा इसकी भी कोई जानकारी आरबीआई ने नहीं दी है।

चीन डिजिटल करेंसी ई-युवान को लागू करने की दिशा में कार्य कर रहा है।

वही बहामास देश ने 2020 में अपने डिजिटल करेंसी को लागू कर इस क्षेत्र में प्रथम स्थान हासिल किया है। फेसबुक ने भी डिजिटल करेंसी लिब्रा को लॉन्च करने की योजना बनाई है जिसे विकसित और विकासशील देशों के लिए सुगम बनाया जाएगा।

फिलहाल डिजिटल करेंसी सरकार के लिए चुनौती का विषय है।

इसका प्रयोग आजकल असंवैधानिक कामकाज में किए जा रहे हैं।

इससे गैर कानूनी गतिविधियों को सुविधा प्राप्त हो रही है। ऐसे में बैंक तथा देश को इसके लागू करने के साथ इससे उत्पन्न होने वाली चुनौतियों के प्रति सतर्क रहते हुए कार्य करने की आवश्यकता है।

अपने पैसे को सुरक्षित कैसे निवेश करें

अगर आप अपने पैसे को सुरक्षित निवेश करना चाहते हैं तो भारत में अनेकों ऐसी स्कीम या माध्यम है जहां आप अपने पैसों को सुरक्षित निवेश कर सकते हैं। जिसमें वार्षिक अच्छा खासा मुनाफा प्राप्त हो जाता है। जिसमें डाकघर की योजना, बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट, रिकरिंग डिपॉजिट या बाउंड पेपर हो सकता है। शेयर मार्केट में इस समय भारतीय लोग काफी रूचि ले रहे हैं।  वहां म्युचुअल फंड या किसी कंपनी का शेयर लेकर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। विभिन्न प्रकार के प्लेटफार्म शेयर खरीदने के लिए उपलब्ध है। जिसमें प्रतिदिन के हिसाब से निवेश भी किया जा सकता है।

वहां भारी मुनाफा प्राप्त हो जाता है।

आरबीआई ने लोगों की रूचि को देखते हुए खुद भी बाउंड जारी करना आरंभ किया है।

यहां आप सरकार के द्वारा दिए जा रहे बाउंड को खरीद कर अपने पैसे को सुरक्षित रख सकते हैं। साथ ही सरकार ने अटल पेंशन योजना या राष्ट्रीय पेंशन योजना जैसी स्कीमों को लागू कर भविष्य को भी सुरक्षित किया है।

जिसमें पैसों के साथ-साथ जीवन भी आर्थिक रूप से सुरक्षित रहता है।

वित्तीय लेनदेन से संबंधित धोखाधड़ी की शिकायत कैसे करें

बेरोजगारी, और अशिक्षा के कारण आज भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी ने अपना पैर पसार लिया है। वह ऐसे अवसर की तलाश करते हैं जहां वह दूसरे व्यक्ति को आर्थिक क्षति पहुंचा सके। अगर आपके साथ किसी प्रकार की वित्तीय धोखाधड़ी होती है तो संबंधित बैंक या संस्थान को सर्वप्रथम लिखित तौर पर सूचित करें। इसके रिसीविंग आपके पास हो इसका अवश्य ध्यान रखें। अगर बैंक आपकी शिकायत नहीं लेता है तो उसे मेल के द्वारा सूचित करें और साथ ही आरबीआई को लिखें।

इसके पश्चात आप अपने नजदीकी पुलिस थाने में जाकर प्राथमिकी दर्ज कराएं।

अगर आप 3 वित्तीय दिवस के भीतर यह सभी प्रक्रिया कर लेते हैं तो आरबीआई आपके साथ हुई धोखाधड़ी की जिम्मेदारी लेते हुए आपके पैसे को लौट आने के लिए वचनबद्ध होता है। आप अपनी शिकायत जिले के साइबर क्राइम थाने में भी प्रस्तुत होकर या ऑनलाइन के माध्यम से कर सकते हैं। सरकार के द्वारा राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है जिसमें आप अपनी वित्तीय संबंधी धोखाधड़ी की शिकायत कर सकते हैं।

इस हेल्पलाइन का नंबर 155260 है।

डिजिटलीकरण क्या है

90 के दशक से पूरे विश्व में व्यापक रूप से डिजिटलीकरण हुआ है। जहां पहले सभी कार्य डायरी, रजिस्टर के माध्यम से पूर्ण हुआ करते थे। आज उनका बदलाव डिजिटलीकरण ने किया है। पूरे विश्व में कंप्यूटर की आवश्यकता को स्वीकार करते हुए, अपने दिनचर्या में सहभागी बनाया है।

भारत भी निरंतर डिजिटलीकरण की ओर अग्रसर हो रहा है।

आज शिक्षा व्यवस्था, चिकित्सा, विज्ञान सभी क्षेत्र में डिजिटलीकरण को देखा जा सकता है।

जहां बैंकों में पहले घंटों लाइन लगना पड़ता था, अपनी पूंजी का हस्तांतरण या निकासी के लिए कितनी ही समस्याओं का सामना करना पड़ता था। आज वह सभी कार्य सुगमता से घर बैठे हो जाया करता है। डिजिटलीकरण से आज एक ग्रामीण भी जुड़ गया है और अपने दैनिक जीवन को सुगम बनाने के लिए उपयोग कर रहा है।

आज एक किसान अपने बैंक खाते की जानकारी घर बैठे मोबाइल के माध्यम से ले सकता है।

उसे सरकार के द्वारा मिलने वाली धनराशि बैंक में मिल जाती है।

सरकार को अपनी समस्या बताने के लिए इंटरनेट के माध्यम से मेल, सोशल मीडिया आदि से बताई जा सकती है। यह सभी यह सभी डिजिटलीकरण के कारण सुलभ हो सकता है। बैंकिंग सेक्टर में भी डिजिटलीकरण का खूब प्रगति देखने को मिल रही है। आज डिजिटलीकरण जब इतने व्यापक तौर पर हो रहा है तो इसकी मुद्राएं भी डिजिटल रूप से उपलब्ध है।

मुद्राएं क्या होती है

व्यक्ति की सभी आवश्यकताओं की सामग्री उसके पास उपलब्ध नहीं होती। उसे अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए विभिन्न प्रकार की सामग्री बाजार यह दूसरे व्यक्ति से खरीदनी पड़ती है। इस लेनदेन की प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए सरकार मुद्रा चलाती है।

इस मुद्रा के माध्यम से खरीदारी करने वाले वस्तु के मूल्य का भुगतान किया जा सकता है।

प्राचीन काल में वस्तु विनिमय प्रणाली प्रचलित थी।

जिसमें अपने पास उपलब्ध वस्तु को खरीदारी करने वाले वस्तु के मूल्य बराबर वस्तु देना पड़ता था। यहां मुद्रा के बजाय वस्तुओं का आदान – प्रदान किया जाता था। यह काफी जटिल प्रक्रिया थी जिसे आसानी से दूर ले जाना संभव नहीं था। इस आवश्यकता को ध्यान रखते हुए तत्कालीन शासन व्यवस्था ने विभिन्न प्रकार की मुद्राएं प्रचलित की थी। आज सभी देशों की अपनी एक खास प्रकार की मुद्राएं हैं। जो उनके देश में कार्य करती है, जिसके माध्यम से किसी भी वस्तु का मूल्य चुकाया जा सकता है।

विदेश में भी जाने पर उसे वहां कि देश के मुद्राओं में परिवर्तित किया जा सकता है।

यह मुद्राएं किसी भी देश की मजबूती का माध्यम है।

आज अमेरिका शक्तिशाली देश इसलिए है क्योंकि वहां की मुद्राएं अन्य देशों की मुद्राओं से मजबूत है।

भारत का लगभग ₹73 अमेरिका की एक डॉलर के बराबर है

किसी भी राष्ट्र के शक्तिशाली और सशक्त होने मैं, वहां की मुद्राएं काफी अहम भूमिका निभाती है।

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निष्कर्ष

डिजिटलीकरण ने मानव जीवन को निसंदेह सरल बनाया है। जहां डिजिटलीकरण के अभाव में घंटों व्यर्थ हो जाया करते थे वही आज उस समय की बचत मानव ने किया है।  साथ ही डिजिटलीकरण के साथ वह धोखाधड़ी का भी शिकार होता जा रहा है। अनेकों ऐसे ठग ऑनलाइन आ गए हैं जो मासूम लोगों को चिन्हित कर उन्हें नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसी स्थिति में व्यक्ति को जागरूक शिक्षित और सतर्क रहना चाहिए।

आज धोखाधड़ी सबसे ज्यादा वित्तीय क्षेत्र में की जा रही है।

हैकर निरंतर प्रयास में रहते हैं वह व्यक्ति की छोटी से छोटी गलतियों को पकड़कर उन्हें आर्थिक नुकसान पहुंचा सके। यह छोटी-छोटी लापरवाही व्यक्ति को बड़ी वित्तीय क्षति पहुंचाती है। अतः सरकार को पाठ्यक्रम में धोखाधड़ी से बचाव के उपाय बताने चाहिए। समय-समय पर जागरूकता के तहत उन सभी उपायों को बताया जाना चाहिए, जिससे सामान्य व्यक्ति हैकिंग या धोखाधड़ी से बच सके। साथ ही सरकार को इस क्षेत्र में कड़े कानून बनाने की आवश्यकता है।

जिससे एक सामान्य व्यक्ति को न्याय मिल सके वह अपने को सुरक्षित महसूस कर सकें।

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