rss अमृत वचन। चैत्र प्रतिपदा। हिन्दू नववर्ष अमृत वचन

rss अमृत वचन

श्री बालशास्त्री हरदास जी ने कहा –

क्रांतिकारी आंदोलन चलाते समय , डॉक्टर जी को यह अनुभव आया कि संस्कारित पीढ़ी के निर्माण के बिना कोई भी पुनरुत्थान का प्रयत्न सफल नहीं हो सकेगा। आज हमें राष्ट्र के लिए मरना नहीं दीप  के सामान तिल – तिल जलते हुए जीना होगा। उनके इसी चिंतन ने आगे चलकर ” राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ” की स्थापना के रूप में राष्ट्र के अभ्युदय हेतु एक अभिनव कार्य को जन्म दिया।

 

 

विद्या ददाति विनयम

कलयुग में शक्ति का एक मात्र साधन ‘संघ ‘ है। अर्थात जो लोग एकजुट होकर संघ रूप में रहते हैं , संगठित रहते हैं उनमें ही शक्ति है।

साथियों संघ के गीत का यह माला तैयार किया गया है , जो संघ के कार्यक्रम में ‘ एकल गीत ‘ व ‘ गण गीत ‘ के रूप में गाया जाता है। समय पर आपको इस माला के जरिए गीत शीघ्र अतिशीघ्र मिल जाए ऐसा हमारा प्रयास है। आप की सुविधा को ध्यान में रखकर हमने इसका मोबाइल ऐप भी तैयार किया है जिस पर आप आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं।

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अमृत वचन।आरएसएस। संघ के नित्य अमृत वचन। amrit vachan

आरएसएस गीत | septembar geet in rss | vishwa gagan par fir se gunje |

संघ की प्रार्थना। नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे।आरएसएस। 

भारत माँ का मान बढ़ाने बढ़ते माँ के मस्ताने। आरएसएस गीत।Rss geet lyrics

 

 

 

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