यमक श्लेष उपमा अलंकार। अलंकार उदहारण भेद

यमक अलंकार ” वहै शब्द पुनि – पुनि परै अर्थ भिन्न ही भिन्न ” अर्थात यमक अलंकार में एक शब्द का दो या दो से अधिक बार प्रयोग होता है और प्रत्येक प्रयोग में अर्थ की भिन्नता होती है। उदाहरण के लिए – ”  कनक कनक ते सौ गुनी , मादकता अधिकाय। या खाए बौराय जग , …

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