गुरु दक्षिणा हेतु अमृत वचन।RSS IN HINDI | राष्ट्रिय स्वयं सेवक संघ।

गुरु दक्षिणा हेतु अमृत वचन     पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी ने कहा ” जिस राष्ट्रीय प्रतीक को लेकर वेदकाल से आज तक हम स्फूर्ति पाते रहे ,जिसमे सदियों के उत्थान – पतन के रोमांचकारी क्षणो की गाथाएँ गुम्फित है , जिसमे त्यागी , तपस्वी , पराकर्मी ,दिग्विजयी ,ज्ञानी ,ऋषि -मुनि ,सम्राट ,सेनापति ,कवी ,साहित्यकार ,सन्यासी …

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