बादल को घिरते देखा है कविता नागार्जुन Badal Ko Ghirte Dekha Hai

badal ko ghirte dekha hai kavita, nagarjun ki kavita, badal ko ghirte dekha hai sprsang vyakhya, badal ko ghirte dekha hai kavita question answer

कवि नागार्जुन प्रगतिशील काव्य धारा के प्रमुख कवि थे उनके साहित्य में समाज की झलक मिलती है, उन्होंने अपने यात्रा के अनुभवों को अपने साहित्य में विशेष स्थान दिया है वह घुमक्कड़ प्रवृत्ति के थे, एक जगह टिक कर रहना उनकी आदत नहीं थी जिसके कारण उनकी तुलना कबीर से की जाती है। बादलों को …

Read more