Hindi question paper class 12 with solution – प्रश्न पत्र हल सहित

कक्षा बारहवीं हिंदी प्रश्न पत्र हल सहित – Hindi question paper class 12 with solution.

 

विषय हिंदी ( ऐच्छिक )

कक्षा 12

Hindi sample question paper class 12

समय 3 घंटा                                                                                                                                       अंक 80

 

सामान्य निर्देश :-

1 इस प्रश्न पत्र में 14 प्रश्न है।

2 सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।

3 विद्यार्थी यथासंभव अपने शब्दों में उत्तर लिखें।

The first part of this Hindi question paper class 12 is starting from here.

खंड  ‘क’

प्रश्न 1  निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए –

संस्कृति और सभ्यता – ये दो शब्द है और उनके अर्थ भी अलग-अलग हैं। सभ्यता मनुष्य का वह गुण है जिससे वह अपनी बाहरी तरक्की करता है। संस्कृति वह गुण है जिससे वह अपनी भीतरी उन्नति करता है। करुणा , प्रेम और परोपकार सीखता है।

आज रेलगाड़ी , मोटर और  हवाई जहाज , लंबी – चौड़ी सड़कें और बड़े-बड़े मकान अच्छा भोजन और अच्छी पोशाक , ये  सभ्यता की पहचान है और जिस देश में इनकी जितनी ही अधिकता है उस देश को हम उतना ही सभ्य मानते हैं। मगर संस्कृति इन सब से कहीं बारिक चीज है। वह मोटर नहीं मोटर बनाने की कला है , मकान नहीं मकान बनाने की रुचि है।

संस्कृति धन नहीं गुण है , संस्कृति ठाट – बाट नहीं विनय और विनम्रता है। एक कहावत है कि सभ्यता वह चीज है जो हमारे पास है लेकिन संस्कृति वह गुण है जो हम में छिपा हुआ है। हमारे पास हार होता है कपड़े लगते होते हैं मगर यह सारी चीजें हमारी सभ्यता के सबूत हैं जबकि संस्कृति इतने मोटे तौर पर दिखाई नहीं देती। वह बहुत ही सूक्ष्म और वहीं चीज है और वह हमारी हर पसंद हर आदत में छिपी रहती है। मकान बनाना सभ्यता का काम है , लेकिन हम मकान का कौन सा नक्शा पसंद करते हैं यह हमारी संस्कृति बताती है। आदमी के भीतर काम , क्रोध , लोभ , मद , मोह और मत्सर में छः विकार प्रकृति के दिए हुए हैं। परंतु अगर यह विकार बेरोके छोड़ दिए जाएं तो आदमी इतना गिर जाए कि उसमें और जानवर में कोई भेद नहीं रह जाएगा।

इसलिए आदमी इन विकारों पर रोक लगाता है , इन दुर्गुणों पर जो आदमी जितना काबू कर पाता है उसकी संस्कृति भी उतनी ही ऊंची समझ जाती है। संस्कृति का स्वभाव है कि वह आदान-प्रदान से बढ़ती है। जब दो देशों या जातियों के लोग आपस में मिलते हैं तब उन दोनों की संस्कृतियां एक – दूसरे को प्रभावित करती है। इसलिए संस्कृति की दृष्टि से वह जाति या वह देश बहुत ही धनी समझा जाता है जिसने ज्यादा से ज्यादा देशों या जातियों की संस्कृतियों से लाभ उठाकर अपनी संस्कृति का विकास किया हो।

 

( क ) सभ्यता व संस्कृति में क्या अंतर है ?                                                                                                     2

उत्तर  ( क ) सभ्यता मनुष्य का वह गुण है जिससे वह बाहरी तरक्की करता है। संस्कृति वह गुण है जिससे वह अपनी भीतरी उन्नति करता है।

 

( ख )  मानव की मानवीयता किस बात में निहित है ?                                                                                       2

उत्तर ( ख )  इस बात  मैं कि वह अपने मन में विद्यमान विकारों पर नियंत्रण पाने की चेष्टा करें।

 

( ग )  किसी भी सभ्यता के मानदंड क्या – क्या है ?                                                                                          2

उत्तर ( ग ) वहां विद्यमान रेलगाड़ियां ,  मोटर , वायुयान , लंबी चौड़ी सड़कें , बड़े – बड़े मकान , अच्छा भोजन , अच्छी पोशाकें , स्वास्थ्य सुविधाएं आदि।

 

( घ ) संस्कृति का स्वभाव बताइए तथा स्पष्ट कीजिए कि देश की संस्कृति समृद्धि इससे किस तरह प्रभावित होती है ? 2

उत्तर ( घ ) संस्कृति का स्वभाव है कि वह आदान-प्रदान से बढ़ती है। वे  देश जो अधिकाधिक देशों की संस्कृतियों से लाभ उठाकर अपनी संस्कृति का  विकास करते हैं व सांस्कृतिक रूप से अधिक समृद्ध कहलाते हैं।

 

( ड )  ‘ विचार ‘ और ‘ संस्कृति ‘ शब्दों के उपसर्ग बताइए और इनमें  ‘इक’ प्रत्यय लगाकर नए शब्द बनाइए।        2

उत्तर ( ड )   उपसर्ग –  विचार – वि ,  संस्कृति – सम

प्रत्यय लगाकर शब्द – विचार + इक = वैचारिक

संस्कृति  + इक =  सांस्कृतिक

 

( च ) उपर्युक्त गद्यांश के लिए उपयुक्त शीर्षक लिखिए।                                                                                1

उत्तर ( च )  सभ्यता और संस्कृति , अन्य उपयुक्त उदाहरण भी स्वीकार्य होंगे ( अपने मत से लिखें )

 

 

प्रश्न 2  निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए –                                 

मानना चाहता है आज ही

तो मान ले त्यौहार का दिन आज ही होगा

उमंगे यो अकारण ही नहीं उठती

न अनदेखे इशारों पर कभी यों नाचता है मन

खुले – से लग रहे हैं द्वार मंदिर के ?

बढ़ा पग

मूर्ति के श्रृंगार का दिन आज ही होगा

न जाने आज क्यों जी चाहता है

स्वर मिलाकर अनसुने स्वर में किसी के

कर उठे जयकार

न जाने क्यों बिना पाए हुए ही दान

याचक मन विकल है व्यक्त करने को आभार

कोई तो , कहीं तो प्रेरणा का स्रोत होगा ही

उमंगे भी अकारण ही नहीं उठती

नदी में बाढ़ आई है

कहीं पानी गिरा होगा।

( क )  किस स्थिति में कोई भी दिन त्यौहार का दिन हो सकता है ?                                                                  1

उत्तर ( क )  जब मन के अंदर उमंगे उठती हो।

 

( ख )  मंदिर के खुले दरवाजे क्या संकेत कर रहे हैं ?                                                                                     1

उत्तर ( ख )  मन की उमंगों के दरवाजे खुलने की ओर संकेत कर रहे हैं।

 

( ग ) कवि अपनी किन स्थितियों का कारण नहीं समझ पा रहा है ?                                                                   1

उत्तर ( ग )  कवि यह नहीं समझ पा रहा कि आज मन इतना उत्साहित क्यों है ?

 

( घ )  ‘उमंगे अकारण नहीं उठती’  के समर्थन में क्या तर्क दिया क्या है ?                                                            1

उत्तर ( घ ) ‘ उमंगें अकारण नहीं उठती ‘ इसके समर्थन में कवि का तर्क है कि नदी में बाढ़ आई है अर्थात कहीं वर्षा हुई है। कुछ तो हुआ है।

 

( ड )  मन को ‘ याचक ‘ क्यों कहा गया है ?                                                                                                     1

उत्तर ( ड )  क्योंकि आज मन कुछ याचना कर रहा है। वह बिना कुछ दान मिले ही किसी का आभार प्रकट करने को विकल है। ( सभी उत्तर अपने विवेक से लिखें )

 

The second part of this Hindi question paper class 12 is starting from here.

खंड  ‘ख’

 

प्रश्न 3  निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर निबंध लिखिए –                                                                8

( क )  भारतीय समाज में अंधविश्वास

( ख )  ऐतिहासिक स्थल की सैर

( ग )  राष्ट्र निर्माण में युवावर्ग का योगदान

( घ )  दिल्ली की सड़कों पर बढ़ता ट्रैफिक

 

उत्तर 3  प्रस्तावना

विषय – वस्तु

प्रस्तुतीकरण

शुद्ध भाषा

उपसंहार ( आदि पर आधारित विवेक से विस्तार से लिखें )

 

 

प्रश्न 4 आपके निकट के अस्पताल में आवश्यक उपकरणों एवं औषधियों के अभाव के कारण रोगियों को बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।  इनकी आपूर्ति के लिए स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र लिखिए।                             5

 

अथवा

 

आपके क्षेत्र में भीषण बाढ़ के कारण मची तबाही और राहत कार्यों की अपर्याप्तता की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर तुरंत प्रभावी कदम उठाने का अनुरोध कीजिए। 

=> पत्र का प्रारूप देखें बाढ़ राहत कार्य की अपर्याप्त व्यवस्था की ओर ध्यान आकृष्ट करने हेतु पत्र

उत्तर 4

प्रारंभ / अंत

विषय – वस्तु

विषय अनुसार भाषा

 

प्रश्न 5  निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दीजिए –                                                                  1*4 = 4

( क ) चौथा खंभा किसे कहा जाता है ?

उत्तर ( क ) मीडिया को

 

( ख ) उल्टा पिरामिड शैली किसे कहते हैं ?

उत्तर ( ख ) समाचार लेखन की सबसे लोकप्रिय शैली जिसमें सबसे महत्वपूर्ण तथ्य को सबसे पहले लिखा जाता है।

 

( ग ) कविता लेखन का सबसे पहला उपकरण किसे माना जाता है ?

उत्तर ( ग ) शब्द

 

( घ ) उस अखबार का नाम लिखिए जो  प्रिंट रूप में उपलब्ध न होकर केवल इंटरनेट पर ही उपलब्ध है।

उत्तर ( घ ) प्रभासाक्षी ( सभी उत्तर विस्तार से विवेकानुसार लिखें )

 

प्रश्न 6  चुनावी वायदे विषय पर फीचर लिखिए।                                                                                  3

 

अथवा

 

पर्यावरण से जुड़ा हमारा भविष्य विषय पर एक आलेख लिखिए। 

उत्तर 6 उपर्युक्त विषय – वस्तु

प्रस्तुतीकरण

भाषा के आधार पर पूर्ण अंक मिलेंगे अतः विवेक से लिखें

 

प्रश्न 7  निम्नलिखित काव्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए –                                                                    6 

श्रमित स्वप्न की मधुमाया में,
गहन – विपिन की तरु – छाया में,
पथिक उंनींदी श्रुति में किसने-
यह विहाग की तान उठाई।

लगी सतृष्ण दीठ थी सबकी,
रही बचाए फिरती कबकी।
मेरी आशा आह ! बावली,
तूने खो दी सकल कमाई।

उत्तर – व्याख्या का प्रारूप देखने के लिए क्लिक करें 

कवि – जयशंकर प्रसाद

कविता – देवसेना का गीत

यह गीत ‘ स्कंदगुप्त’ नाटक से उद्धृत है। इस गीत में स्कंदगुप्त के द्वारा विवाह प्रस्ताव को ठुकराने के बाद देवसेना अपने जीवन के वेदना में क्षणों को याद करती है।

व्याख्या——————————————————————— स्वयं से विवेकानुसार लिखें

विशेष

देवसेना की व्यथित मनोदशा का मार्मिक चित्रण

तत्सम शब्दावली का प्रयोग

स्वप्न का मानवीकरण

स्मृति बिंब

चित्रात्मकता , संगीतात्मकता , प्रवाहमयता।

 

 

अथवा

विधि न सकेउ सहि मोर दुलारा।

नीच बीचु जननी मिस पारा। ।

यहउ कहत मोहि आजु न सोभा।

अपनी समूझि साधु सुचि कोभा। ।

मातु मंदि मै साधु सुचालि

उर अस आनत कोटि कुचाली। ।

फरह कि कोदव बाली सुसाली।

मुकता प्रसव कि संबुक काली। ।

सपनेहुँ दोसक लेसु न काहु।

मोर अभाग उदधि अवगाहु। ।

उत्तर –

कवि – तुलसीदास

कविता  – भरत राम का प्रेम

इस अंश में राम के वन गमन के बाद भरत की मानसिक दशा का वर्णन किया गया है। राम के वनवास जाने और उनका प्रेम खोने को भरत अपना दुर्भाग्य समझकर चित्रकूट की सभा में अपनी आत्मग्लानि प्रकट करते हैं।

व्याख्या ———————————————————–स्वयं से विवेकानुसार लिखें

विशेष

अवधी भाषा , चौपाई , छंद ,

अनुप्रास अलंकार

गेयता  का गुण , माधुर्य गुण एवं शांत रस।

‘ फरह की …………………. काली ‘ में उदाहरण अलंकार।

 

प्रश्न 8 निम्नलिखित में से किन्ही दो प्रश्नों के उत्तर लिखिए –                                                         2 + 2 = 4  

( क ) ‘ तोड़ो ‘ कविता में पत्थर और चट्टानें किसके प्रतीक हैं ? कवि उन्हें तोड़ने का आह्वान क्यों करता है ?

उत्तर   नवनिर्माण के मार्ग में आने वाली बाधाओं के प्रतीक। इनको तोड़ना आवश्यक है। यह सृजन में बाधक है।(विस्तार से विवेकानुसार लिखें )

 

( ख )  सरोज का विवाह अन्य विवाहों से किस प्रकार भिन्न था ?

उत्तर  सरोज का विवाह अत्यंत सादगी से संपन्न हुआ। जिसमें आत्मीय स्वजन आमंत्रित नहीं थे। गीत – संगीत , धूम – धाम का अभाव मां की शिक्षाएं पिता द्वारा दी गई।(विस्तार से विवेकानुसार लिखें )

 

( ग )  हाथ फैलाने वाले व्यक्ति को कवि ने ईमानदार क्यों कहा है ? ‘ एक कम’ कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर  क्योंकि ईमानदारी के कारण ही वह गरीब रह गया। यदि वह भ्रष्टाचारी होता तो मालामाल होता। (विस्तार से विवेकानुसार लिखें )

 

 

प्रश्न 9  निम्नलिखित में से किन्ही दो काव्यांशों का काव्य सौंदर्य स्पष्ट कीजिए –                                   3 + 3 = 6

( क )

चलती सड़क के किनारे लाल बजरी पर

चुरमुरए पांव तले

ऊंचे तरुवर से गिरे

बड़े-बड़े पियराय पत्ते

कोई छः बजे सुबह जैसे गर्म पानी से

नहाई हो –

खिली हुई हवा आई ,फिरकी – सी – आई ,

चली गई।

उत्तर

भाव सौंदर्य  – बसंत आगमन के अवसर पर पेड़ों में नए पत्ते आने से पूर्व पीली पत्तों का झड़कर नीचे गिर जाना और उनका पैरों के नीचे चरमराना वासंती सुबह में ताजी हवा के झोंके का फिरकी की तरह घूमना।

शिल्प सौंदर्य – तत्सम , तद्भव युक्त खड़ी बोली। अनुप्रास , उपमा , पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार।(विस्तार से विवेकानुसार लिखें )

 

 

( ख )

इस पथ पर मेरे कार्य सकल

हो भ्रष्ट शीत के – से शतदल

कन्ये , गत कर्मों का अर्पण

कर करता मैं तेरा तर्पण।

उत्तर

भाव सौंदर्य – कवि निराला अपनी पुत्री के लिए कुछ ना कर पाने के अपराध बोध से ग्रस्त हो अपने समस्त कर्मों की शीत ऋतु के कमल के समान भ्रष्ट हो जाने की कामना करते हैं कभी अपने पुण्य कर्मों का सफल पुत्री को अर्पित कर उनका तर्पण करना चाहता है।

शिल्प सौंदर्य – तत्सम प्रधान खड़ी बोली। ‘ कर – करता ‘ में अनुप्रास।’ शीत – के – से शतदल ‘ में उपमा अलंकार। (विस्तार से विवेकानुसार लिखें )

 

 

( ग )

यह तन जारौं छार कै , कहौं कि पवन उड़ाय

मकु तेहि मारग होइ परौ ,कंत धरै जहां पाउ। ।

उत्तर

भाव सौंदर्य – नागमती की दशा की वेदना का अतिशयोक्तिपूर्ण वर्णन है , नागमती वियोग अग्नि में जलकर भस्म हो जाना चाहती है। और पवन से कहती है उसकी राख प्रियतम के मार्ग पर बिछा दे ताकि प्रियतम उस पर कदम रख कर चल सके इस प्रकार वह प्रियतम का स्पर्श पाना चाहती है।

शिल्प सौंदर्य  – भाषा अवधी , रस – वियोग  और श्रृंगार रस छंद – दोहा।

 

प्रश्न 10 निम्नलिखित गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए –                                                                     5 

स्वातंत्र्योत्तर भारत की सबसे बड़ी ट्रेजडी यह नहीं है कि शासक वर्ग ने औद्योगिकरण का मार्ग चुना , ट्रेजडी यह रही है कि पश्चिम की देखा – देखी और नकल में योजनाए  बनाते समय प्रकृति , मनुष्य और संस्कृति के बीच का नाजुक संतुलन किस तरह नष्ट होने से बचाया जा सके – इस और हमारे पश्चिम शिक्षित सत्ताधारियों का ध्यान कभी नहीं गया।

उत्तर 

प्रसंग लेखक – निर्मल वर्मा  ,

पाठ – ‘ जहां कोई वापसी नहीं ‘ विकास के नाम पर सत्ताधारीयों द्वारा किए जा रहे पर्यावरण के विनाश पर लेखक की चिंता प्रकट हुई है।

व्याख्या —————————————- स्वयं से विवेकानुसार लिखें

विशेष – विषय अनुकूल भाषा का प्रयोग , औद्योगीकरण के फलस्वरूप होने वाले दुष्परिणामों का यथार्थ चित्रण , वर्णनात्मक शैली , अभिधा शब्द शक्ति। (विस्तार से विवेकानुसार लिखें )

 

अथवा

 

जब श्रद्धालु चले जाते हैं और गिरजा खाली हो जाता है तो बाजीगर चुपके से अंदर घुस जाता है , कपड़े उतार कर पूरे उत्साह के साथ अपने करतब दिखाने लगता है। गिरजे में अंधेरा है , श्रद्धालु जा चुके हैं , दरवाजे बंद है।  कभी सिर के बल खड़े होकर , कभी तरह-तरह अंग चालन करते हुए बड़ी तन्मयता के साथ एक के बाद एक करतब दिखाता है। यहां तक कि हांफने  लगता है। उसके हांफने की आवाज बड़े पादरी के कान में पड़ जाती है , और वह यह समझ कर कि कोई जानवर गिरजा के अंदर घुस आया है और गिरजे को दूषित कर रहा है भागता हुआ गिरजे के अंदर आता है।

उत्तर

प्रसंग  – पाठ – गांधी , नेहरू और यास्सेर अराफात

लेखक – भीष्म साहनी

प्रस्तुत गद्यांश में लेखक ने किशोरावस्था में नेहरू जी से अपनी पहली मुलाकात के अनुभवों को बताया है। नेहरू जी एक फ्रांसीसी कथा के माध्यम से अपनी धार्मिक मान्यताओं पर प्रकाश डाल रहे हैं।

व्याख्या——————————————स्वयं से विवेकानुसार लिखें

विशेष  – गरीब बाजीगर की आस्था एवं श्रद्धा का वर्णन ,भाषा सरल सहज प्रवाहमयी , वर्णनात्मक शैली , दृश्य बिंब (विस्तार से विवेकानुसार लिखें )

 

 

प्रश्न 11 निम्नलिखित में से किन्ही दो प्रश्नों के उत्तर दीजिए –                                                       3 + 3 = 6

प्रश्न ( क ) –  बालक द्वारा इनाम में लड्डू मांगने पर लेखक ने सुख की सांस क्यों भरी ?

उत्तर  क्योंकि अन्य सभी प्रश्नों के रटी – रटाए उत्तर बालक ने दिए थे , पहली बार बालकोचित सहजता से उसने उत्तर दिया अर्थात बालक के स्वभाविक प्रवृतियां अभी जिंदा थी।(विस्तार से विवेकानुसार लिखें )

 

प्रश्न ( ख )-  ‘ कच्चा चिट्ठा ‘ पाठ मैं लेखक बुढ़िया से बोधिसत्व की आठ फुट लंबी सुंदर मूर्ति प्राप्त करने में कैसे सफल हुआ ?

उत्तर  लेखक ने दो रूपये देकर बुढ़िया से उसके नुकसान को पूरा करने की बात कही। रुपए पा कर बुढ़िया ने मूर्ति ले जाने की अनुमति दे दी।(विस्तार से विवेकानुसार लिखें )

 

प्रश्न ( ग ) –  हरगोबिन बड़ी हवेली में पहुंचकर अतीत की किन स्मृतियों में खो जाता है ?

उत्तर  अतीत में बड़ी हवेली में वैभव और समृद्धि का राज था। जन – मजदूरों नौकर चाकरों  की भीड़ लगी रहती थी। बड़ी बहूरिया हाथों में मेहंदी लगाए सजी-धजी नजर आती थी। अब वह दिन नहीं रहे। (विस्तार से विवेकानुसार लिखें )

 

 

प्रश्न 12 रामचंद्र शुक्ल अथवा फणीश्वर नाथ ‘रेणु’ के जीवन और रचनाओं का संक्षिप्त परिचय देते हुए उनकी भाषा शैली की दो प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।                                                                                   5 

उत्तर

रामचंद्र शुक्ल

जीवन परिचय – उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के अगोना गांव में जन्म , प्रारंभिक शिक्षा इंटरमीडिएट तक। स्वाध्याय द्वारा संस्कृत , अंग्रेजी , बांग्ला और हिंदी के साहित्य का अध्ययन। काशी हिंदू विश्वविद्यालय में प्राध्यापक रहे।

रचनाएं – हिंदी साहित्य का इतिहास ,  रस मीमांसा ,  जायसी ग्रंथावली की भूमिका ,   चिंतामणि ,   त्रिवेणी आदि।

साहित्य विशेषताएं व भाषा शैली  –  हिंदी साहित्य को व्यवस्थित करना , सम्यक आलोचना ,  निबंध लेखन ,  संपादन ,  अत्यंत प्रौढ़ , सजीव प्रांजलि  एवं भावानुकूल भाषा शैली। (विस्तार से विवेकानुसार लिखें )

 

उत्तर

फणीश्वर नाथ रेणु

जीवन परिचय  – बिहार के पूर्णिया जिले के औराही हिंगना गांव में जन्म। आरंभिक शिक्षा नेपाल में। 1953 से साहित्य सृजन के क्षेत्र में आ गए , कहानी , उपन्यास , निबंध आदि विविध साहित्यिक विधाओं में लेखन।

रचनाएं  – मैला आंचल , परती परीकथा , कितने चौराहे , ठुमरी , मारे गए गुलफाम आदि।

साहित्य व भाषा शैली की विशेषताएं –  लेखक आंचलिक कथाकार है , ग्रामीण , अभावग्रस्त जनता की पीड़ा व बेबसी का सजीव चित्रण , भाषा संवेदनशील , संप्रेषण और भाव प्रधान , आंचलिक शब्दों और मुहावरों का सुंदर प्रयोग , देशज शब्दों के प्रयोग से मानवीय संवेदना की अभिव्यक्ति।  (विस्तार से विवेकानुसार लिखें )

 

 

अथवा

 

सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ अथवा मलिक मोहम्मद जायसी के जीवन और रचनाओं का संक्षिप्त परिचय देते हुए उनके काव्य की दो विशेषताएं स्पष्ट कीजिए। 

उत्तर

सूर्यकांत त्रिपाठी निराला

जीवन परिचय  – जन्म बंगाल के मेदिनीपुर जिले के महिषादल गांव में। बचपन का नाम सूर्य कुमार अल्प आयु में ही माता – पिता , चाचा – पत्नी और पुत्र – पुत्री के मृत्यु का घोर संताप झेलना पड़ा। विधिवत शिक्षा 9 वीं कक्षा तक। स्वाध्याय द्वारा ज्ञानार्जन।  मतवाला व समन्वय पत्रिकाओं का संपादन।

रचनाएं   –  काव्य – परिमल , गीतिका , अनामिका , बेला , अर्चना , आराधना आदि।

उपन्यास –  अप्सरा , अलका , प्रभावती आदि।

कहानी संग्रह  –  लिली , चतुरी – चमार ,  सुकुल की बीबो आदि।

काव्यगत विशेषताएं  बहुमुखी प्रतिभा के धनी , छायावाद के प्रमुख आधार स्तंभ , भारतीय इतिहास , परंपरा , दर्शन के व्यापक बोध के साथ समकालीन जीवन का चित्रण , मुक्तक छंद के प्रवर्तक , भाषा – तत्सम प्रधान खड़ी बोली , संगीतात्मकता , चित्रात्मकता का गुण।  (विस्तार से विवेकानुसार लिखें )

 

 

उत्तर 

मलिक मोहम्मद जायसी

जीवन परिचय –  हिंदी की प्रेम मार्गी शाखा के प्रतिनिधि कवि हैं।  इनका जन्म उत्तर प्रदेश मैं अमेठी के निकट ‘ जायस ‘ नामक गांव में हुआ।

साहित्यिक विशेषताएं – इन्होंने अपने काव्य में आध्यात्मिक प्रेम गाथा का वर्णन करने के लिए भारतीय लोक कथाओं का आश्रय लिया है। इन्होंने लौकिक प्रेम की परिणति अलौकिक प्रेम में की है। इनके काव्य में रहस्यवाद तथा प्रकृति के सभी रूपों का सजीव चित्रण हुआ है।

रचनाएं  – पद्मावत , अखरावट , आखिरी कलाम ,

भाषा गत विशेषताएं  – बोलचाल की अवधि भाषा को अपनाया है। दोहा , चौपाई , छंद को अपनाया है , उपमा , रूपक , उत्प्रेक्षा अलंकारों  का प्रयोग , प्रचलित मुहावरे एवं लोकोक्तियां का प्रयोग।  (विस्तार से विवेकानुसार लिखें )

 

 

प्रश्न 13 सूरदास जगधर से अपनी आर्थिक हानि को गुप्त क्यों रखना चाहता था ?                                   4

उत्तर  भिखारियों के लिए धन संचय पाप समान की तरह समझा जाता है। समाज के लोग सूरदास के पास रुपया जमा है , यह जानकर शायद उसके चरित्र पर संदेह करते , लांछन लगाते और भविष्य में उसकी सहायता भी ना करते।  (विस्तार से विवेकानुसार लिखें )

 

अथवा

 

बूढ़े त्रिलोक सिंह को पहाड़ पर चढ़ना जैसी नौकरी की बात सुनकर अजीब क्यों लगा ?

उत्तर  क्योंकि पहाड़ पर रहने वालों के लिए पर्वतारोहण उनकी दिनचर्या का हिस्सा होता है। पहाड़ पर चढ़ना उतरना उनके लिए अत्यंत सामान्य बात होती है। सरकार इसके लिए चार हजार तनख्वाह देती है। त्रिलोक सिंह के लिए यह बहुत आश्चर्यजनक बात थी। (विस्तार से विवेकानुसार लिखें )

 

 

प्रश्न 14 निम्नलिखित में से किन्ही दो प्रश्नों का उत्तर लिखिए –                                                       4 + 4 = 8

( क )  रूप सिंह पहाड़ पर चढ़ना सिखाने के बावजूद भूपसिंह के सामने बौना क्यों पड़ गया था ?

उत्तर  रूपसिंह उपकरणों की सहायता से पर्वतारोहण सिखाता था। भूपसिंह हिमांग की खड़ी चढ़ाई बिना किसी सहायता के पूरी करता है , और अपने साथ मात्र मफलर की सहायता से शेखर और रूप सिंह को भी चढ़ आता है। भूपसिंह की इस प्रतिभा के आगे रूपसिंह बोना पड़ गया है।(विस्तार से विवेकानुसार लिखें )

 

( ख )  सूरदास की झोपड़ी पाठ के आधार पर सूरदास का चरित्र निर्माण कीजिए।

उत्तर  कर्मशील , हार ना मानने वाला , सहनशील , संकल्प का धनी , आशावान , पुनर्निर्माण की भावना आदि उपर्युक्त चार बिंदु अपेक्षित। (विस्तार से विवेकानुसार लिखें )

 

( ग )  भैरों ने  सूरदास की झोपड़ी क्यों जलाई ?

उत्तर  सूरदास के प्रति ईर्ष्या की भावना के कारण अपमान का बदला लेना चाहता था क्योंकि भैरो की पत्नी सुभागी को सूरदास ने उसकी मार से बचाकर अपने घर में शरण दी थी। इसके कारण भैरो की बदनामी हुई थी। (विस्तार से विवेकानुसार लिखें )

सम्पूर्ण संज्ञा अंग भेद उदहारण

सर्वनाम की संपूर्ण जानकारी

हिंदी काव्य ,रस ,गद्य और पद्य साहित्य का परिचय।

शब्द शक्ति , हिंदी व्याकरण।Shabd shakti

 

पत्र लेखन – बिगड़ती कानून व्यवस्था के लिए पुलिस आयुक्त को पत्र

संपादक को पत्र – जलभराव से उत्पन्न कठिनाइयों के लिए

बाढ़ राहत कार्य की अपर्याप्त व्यवस्था की ओर ध्यान आकृष्ट करने हेतु पत्र

अस्पताल में औषधियों व उपकरणों की कमी की ओर ध्यान दिलाने हेतु स्वास्थय अधिकारी को पत्र

 

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