501 लोकोक्तियाँ ( विशाल संग्रह ) अर्थ एवं उदाहरण सहित

आज के विषय में हम लोकोक्तियाँ अर्थ एवं उदाहरण सहितअध्ययन करेंगे और लोकोक्तियों के बारीकी को जानेंगे।

यह लेख सभी प्रकार की परीक्षाओं के लिए कारगर है। इसके अध्ययन से आप अपनी परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं यह देख आपको आपकी परीक्षा में सर्वाधिक अंक दिखा सकती है।

लोकोक्ति दो शब्दों के योग से बना है ‘लोक’ + ‘उक्ति’

अर्थात जो जनता या जन समाज के बीच आम बोलचाल में अनुभव के आधार पर उक्तियां पेश की जाती है, उन्हें हम लोकोक्ति कहते हैं। इसका अध्ययन हम व्याकरण की दृष्टि से विद्यार्थियों में ज्ञान तथा शब्दों के भंडार तथा समझ को विकसित करने के लिए उपयोग करते हैं।

Table of Contents

‘अ’ से प्रमुख लोकोक्तियाँ

1. अंत भला तो सब भला – कार्य की समाप्ति ठीक हो जाए तो सभी पिछले बिगड़े काम भी ठीक हो जाते हैं

उदाहरण

साहूकार ने अपने मरने से पहले सभी का कर्जा चुका दिया था, जो लोग जीवन भर उससे ईर्ष्या करते थे वह अब प्रेम करने लगे। इसलिए कहते हैं अंत भला तो सब भला

2 अधजल गगरी छलकत जाए – अपूर्ण

उदाहरण

कम पढ़े लिखे लोग अधजल गगरी के समान होते हैं, जो थोड़ा सा ज्ञान मिलते ही अपने आप को विद्वान समझने लगते हैं। जिस प्रकार आधा खाली गगरी छलकती जाती है, उसी प्रकार यह बड़बोला पन दिखाते हैं।

3. अंधे के हाथ बटेर – अकस्मात ज्यादा मिल जाना

उदाहरण

चोर, चोरी करने के उद्देश्य से भटक रहे थे, तभी उन्हें नोट से भरा हुआ बैग मिल गया, जैसे अंधे को बटेर मिल गया हो।

4. अंधा क्या चाहे दो आंखें – मनचाही वस्तु मिल जाना

उदाहरण

रमेश को पैसों की काफी तंगी थी, अचानक उसकी लॉटरी लग गई जिससे उसकी सारी समस्या का समाधान हो गया। आखिर अंधा चाहता भी क्या दो आंखें।

5. अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत – समय का हाथ से निकलना

Ab pachtaye hote kya lokokti arth

उदाहरण

पढ़ाई की के समय जो विद्यार्थी खेला करते थे, वह अब अपने जीवन में पछता रहे हैं। उनके साथ वही स्थिति हो गई पछताने से क्या लाभ जब चिड़िया चुग गई खेत।

6 अंधे के आगे रोए अपने नैना खोए – निर्दय व्यक्ति से अपना दुख कहना व्यर्थ है

उदाहरण

लालची साहूकार के आगे अपना कितना भी दुखड़ा बता दो वह कभी नहीं पिघलता। उसे अपने धन से लालच होता है, उसके सामने रोना अंधे के आगे रो कर अपने नैन खोने के समान है।

7. अंधों में काना राजा – मूर्खों के बीच थोड़े पढ़े लिखों का भी आदर होता है।

उदाहरण

अनपढ़ों की बस्ती में राजेश थोड़ा बहुत लिखना पढ़ना जानता है, इससे उसकी बस्ती वाले उसे विद्वान मानते हैं। यह स्थिति वैसी ही है जैसे अंधों में काना राजा।

8 अंधा बांटे रेवड़ी अपने-अपने को दे – अपने तथा परिवार के हितों के लिए न्याय को चोट पहुंचाना

उदाहरण

सरकारी ठेकों का आवेदन उन्हीं लोगों का स्वीकार किया जाता है जो नेताओं के सगे संबंधी होते हैं। जैसे एक अंधा रेवड़ी बांटता है तो वह पहले सुनिश्चित करता है कि रेवड़ी प्राप्त करने वाला व्यक्ति उसका अपना है या नहीं।

9 अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता – अकेले व्यक्ति से सब कुछ संभव नहीं है

उदाहरण

महात्मा गांधी ने स्वाधीनता आंदोलन में भाग लिया था, केवल उनके द्वारा देश की आजादी नहीं मिली इसके लिए आने को स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी क्योंकि अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता।

10. अंधी पीसे कुत्ता खाए – अनजान आदमी को मूर्ख बनाना

उदाहरण

शहर घूमने आए एक परदेसी व्यक्ति को यहां के ठगों ने उल्टा-सीधा भाव बता कर उसकी गाढ़ी कमाई को हड़प लिया। इसे ही कहते हैं अंधी पीसे कुत्ता खाए।

11. अपनी अपनी डफली अपना अपना राग – स्वयं का मालिक होना

उदाहरण

ग्रामीणों की समस्या सुनने के लिए एक बैठक का आयोजन किया गया, जहां सबकी अपनी एक अलग समस्या थी। तभी बैठक के मूल उद्देश्य को भूलाकर अपनी-अपनी समस्याएं गाने लगे जैसे अपनी डफली अपना राग हो।

12. अपने मुंह मियां मिट्ठू – अपनी बड़ाई स्वयं करना

उदाहरण

समाज के बीच कुछ लोग अपनी बड़ाई ऐसे करते हैं जैसे उनसे बड़ा कोई और नहीं हो सकता। वह अपने मुंह मियां मिट्ठू बने रहते हैं बाकी सभी लोग उनके स्वभाव से परिचित रहते हैं।

‘आ’ से प्रमुख लोकोक्तियाँ

1. आम के आम गुठलियों के दाम – दुगना लाभ होना

उदाहरण

मोहन के पास आवश्यकता से अधिक पूंजी थी, उसने शेयर मार्केट में उस पूंजी को लगाया। पांच वर्ष बाद उसे उसके मूलधन का दुगना लाभ हुआ इसे ही कहते हैं आम के आम गुठलियों के दाम।

2. आगे कुआं पीछे खाई – चारों ओर से घिर जाना

उदाहरण

देश की सीमा पर अवैध रूप से हो रहे कार्य को रोकने के लिए जब फौज जब वहां गई तो वहां से सभी लोग भाग खड़े हुए। उनके साथ आगे कुआं पीछे खाई की स्थिति हो गई, क्योंकि दूसरी तरफ दूसरे देश की सीमा थी और इस तरफ फौज। वह यह समझ नहीं पा रहे थे कि अब किस और जाए।

3. आसमान से गिरा खजूर पर अटका – एक मुसीबत से छूट कर दूसरे मुसीबत में पड़ जाना

उदाहरण

नेता पर अपहरण का मुकदमा जैसे ही समाप्त हुआ, वह अवैध वसूली के आरोपों में घिर गए। उनके साथ आसमान से गिरा खजूर पर अटका जैसी स्थिति हो गई।

4. आधी छोड़ सारी को, धावे आधी मिले न सारी पावे – अधिक लालच में कुछ भी प्राप्त ना हो ना

उदाहरण

मोहन को आवश्यकता के समय एक व्यक्ति आवश्यकता की आधी राशि देने को तैयार हो गया, तभी दूसरे व्यक्ति ने पूरी राशि देने की बात कही। वह पूरी राशि देने वाले व्यक्ति के पास पहले व्यक्ति को मना करके पहुंच गया। वहां पहुंचने पर उसने राशि देने से इनकार कर दिया।  मोहन की लालच ने दोनों जगह पैसे से वंचित कर दिया।

5. आ बैल मुझे मार – विपत्ति को स्वयं बुलाना

उदाहरण

सलीम के पास जब खूब सारे पैसे थे तो वह दोनों हाथों से धन लुटाया करता था। ऐसा करते हुए उसने स्वयं आ बैल मुझे मार की स्थिति उत्पन्न की।

आज उसके पास इतनी आर्थिक तंगी है कि वह सड़क पर बैठकर सब्जियां बेच रहा है।

6. आंख का अंधा नाम नयनसुख – नाम के विपरीत गुण होना

उदाहरण

उस व्यक्ति का नाम करोड़ीमल है किंतु वह भिक्षाटन कर अपने लिए भोजन का जुगाड़ करता है। इसे ही कहा गया है आंख का अंधा नाम नयनसुख उसका नाम तो किरोड़ीमल है किंतु वह भिक्षा मांगता है।

‘उ’ से प्रमुख लोकोक्तियां

1 उल्टा चोर कोतवाल को डांटे – निर्दोष व्यक्ति को दोषी बताना

उदाहरण

आजकल नेताओं की आदत हो गई है, गलती स्वयं की होती है और दोष जनता पर मढ़ दिया करते हैं।

2 उल्टे बांस बरेली को – दोषारोपण करना

उदाहरण

मलिक ने कहा था कि वह सारा काम स्वयं कर लेगा, किंतु अब वह उल्टा बांस बरेली को कर रहा है। वह मुझे ही दोष लगा रहा है कि मैंने सारा काम करने के लिए कहा था

‘ऊ’ से प्रमुख लोकोक्तियाँ

1 ऊंट के मुंह में जीरा – आवश्यकता से कम मिलना

उदाहरण

अंतरराष्ट्रीय खेल के लिए पहलवानों की एक टीम शिविर में ठहरी, उन्हें खाने में इतना कम खाना दिया गया कि उनके लिए ऊंट के मुंह में जीरे के समान हो गए।

2 ऊंची दुकान फीका पकवान – वास्तविकता के विपरीत दिखावा करना

उदाहरण

शहर में मशहूर हलवाई है इसका नाम दूर-दूर तक फैला है, दूर देश से भी लोग इसके यहां पकवान लेने आते हैं। जब मैंने उसके यहां से पकवान लेकर खाया तो वह बेहद साधारण थे बस उसके विज्ञापन से वह पकवान प्रसिद्ध थे।

‘ए’ से प्रमुख लोकोक्तियाँ

1 एक पंथ दो काज – एक साथ दो कार्य पूर्ण करना

उदाहरण

राजू पढ़ने के लिए घर से कोचिंग सेंटर जा रहा था, तभी उसने देखा मां सब्जी लेने बाजार जा रही थी। उसने मां से कहा मैं कोचिंग से लौटते समय लेता आऊंगा इससे उसने एक पंथ दो काज कर दिए। कोचिंग भी हो आया साथ में सब्जियां भी ले आया

2 एक अनार सौ बीमार – सीमित वस्तु के लिए असीमित मांग

उदाहरण

सरकारी भंडार में सीमित खाद्य पदार्थ रहता है, किंतु मुफ्त राशन की मांग करोड़ों लोग करते हैं. जैसे एक अनार सौ बीमार हो।

3 एक और एक ग्यारह – एक और एक मिलने से गुणात्मक शक्ति हो जाती है

उदाहरण

एक सैनिक पूरी भीड़ से सामना कर रहा था तभी उसका दूसरा साथी आ गया फिर दोनों ने पूरी भीड़ को तहस-नहस कर दिया, उसके साथी से उसकी शक्ति गुणात्मक रूप से बढ़ गई थी दोनों मिलकर एक और एक ग्यारह हो गए थे।

4 एक म्यान में दो तलवार नहीं रह सकते – दो प्रतिद्वंद्वी एक जगह नहीं रह सकते

उदाहरण

दो प्रतिद्वंद्वियों की स्थिति वैसी ही होती है जैसे एक म्यान में दो तलवार नहीं रह सकते।

5 एक तो करेला दूसरा नीम चढ़ा – दूसरे के प्रभाव में आना

उदाहरण

मोहसीन पहले शराब पिया करता था, अब अपने दोस्तों के बहकावे में आकर चोरी भी करने लगा। यह स्थिति वैसी ही है जैसे एक करेला दूसरा नीम चढ़ा।

6. एक ही थाली के चट्टे बट्टे – घनिष्ठ संबंध होना

उदाहरण

चोरों की शिकायत लेकर पुलिस थाने रिपोर्ट करने गए, लेकिन वहां चोरों के साथ पुलिस वालों को हंसता देख मैं समझ गया यह सभी एक ही थाली के चट्टे बट्टे हैं।

7. एक हाथ से ताली नहीं बजती – किसी भी प्रतिक्रिया में दो पक्ष होते हैं

उदाहरण

दो विद्यालय के विद्यार्थियों में झगड़ा हुआ, झगड़े के कारण को जांचा परखा गया तो मालूम हुआ दोनों विद्यालय के विद्यार्थियों की बराबर की गलती थी। अर्थात ताली दोनों हाथ के मिलने से बजी थी, झगड़ा का कारण दोनों बराबर थे।

8 एक मछली सारे तालाब को गंदा कर देती है – एक का दोष सभी पर प्रभाव डालता है

उदाहरण

स्लम इलाके में एक अज्ञात व्यक्ति गैर कानूनी कार्य करता पकड़ा गया, जिसके कारण पूरे इलाके के लोग संदेह के दायरे में आ गए और उनकी भी जांच की गई।

‘ओ’ से प्रमुख लोकोक्तियां

1 ओखली में सिर देना – संकट में पडना

उदाहरण

वी.आई.पी की सुरक्षा में सामान्य लोगों का प्रवेश वर्जित था, उसमें एक चोर ने दाखिला देकर ओखली में सिर देने का कार्य किया।

2 ओछे की प्रीत, बालू की भीत – दुष्ट की मित्रता बालू के खिलौने जल्दी नष्ट हो जाते हैं

उदाहरण

अखलाक को जब तक पैसों की जरूरत थी वह रोज सुबह शाम आकर मिला करता था, जब उसके पैसों की जरूरत खत्म हो गई तो उसने मित्रता भी समाप्त कर दी। ऐसे लोगों की मित्रता बालू के बीच अर्थात मिट्टी के खिलौनों की तरह होती है जो जल्दी समाप्त हो जाती है।

‘क’ से प्रमुख लोकोक्तियाँ

1 कोयले की दलाली में मुंह काला – बुरे काम का बुरा नतीजा

उदाहरण

शराब की दुकान पर काम करने वाले सभी व्यक्ति शराबी समझे जाते हैं, भले ही वह शराब न पीते हो।

2 काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती – धोखा बार-बार नहीं दिया जा सकता

उदाहरण

साहूकार से पैसे लेकर जो लोग समझते हैं दाल गल गई, उनकी दाल दोबारा कभी नहीं गलती, अर्थात उनकी काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती।

3 काला अक्षर भैंस बराबर – अनपढ़ होना

उदाहरण

अनपढ़ लोगों के लिए पढ़ाई-लिखाई की बात, काला अक्षर भैंस बराबर होती है। वह कभी उस अक्षर के महत्व को समझना ही नहीं चाहते।

4 कभी नाव गाड़ी पर, कभी गाड़ी नाव ऊपर – सहायता के लिए एक-दूसरे पर निर्भर

उदाहरण

प्रकृति का नियम बेहद ही सरल है जैसा हम प्रकृति के साथ व्यवहार करते हैं वैसा ही हमें मिलता है। अगर हम पेड़ काटते हैं तो पेड़ हमें ऑक्सीजन नहीं देते, अगर हम पेड़ लगाते हैं तो हम भरपूर ऑक्सीजन प्राप्त करते हैं।

इसलिए कहा जाता है कभी नाव गाड़ी पर कभी गाड़ी नाव पर।

5 का वर्षा जब कृषि सुखाने – समय पर काम ना आना

उदाहरण

आपदा के समय सरकार ने किसी की सहायता नहीं कि, लोग भुखमरी के कारण मर गए।

अब जब हालत सामान्य है तो राशन बांटा जा रहा है यह वही स्थिति है जब वर्षा की जरूरत होती है तो वर्षा नहीं पड़ती।

6 कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा भानुमति ने कुनबा जोड़ा – असंगत वस्तुओं का मेल

उदाहरण

वह इमारत अधिक समय तक नहीं टिकती जो लापरवाही से बनाई जाती है, जिसमें कहीं की ईंट कहीं रोड़ा आदि का प्रयोग करके बनाया गया हो।

7 कंगाली में आटा गीला – तंगी के समय अधिक खर्च

उदाहरण

नौकरी जाने के बाद जैसे-तैसे घर चल रहा था, उस पर बीमारी के खर्चे ने कंगाली में आटा गीला करने का कार्य किया।

8 कहां राजा भोज कहां गंगू तेली – तुलना ना होना

उदाहरण

एक अनपढ़ व्यक्ति के मुख की वाणी और एक पढ़े लिखे विद्वान व्यक्ति की वाणी में वैसा ही फर्क होता है जैसे राजा भोज और गंगू तेली में है।

‘ख’ से प्रमुख लोकोक्तियाँ

1. खोदा पहाड़ निकली चुहिया – परिश्रम से अधिक लाभ ना मिलना

उदाहरण

चोरों की तलाश में पुलिस ने एड़ी चोटी का दम लगा लिया, किंतु अंतिम खोजबीन में चोर पड़ोसी ही निकले। यह स्थिति वैसी ही थी जैसे खोदा पहाड़ निकली चुहिया।

2. खग जाने खग ही की भाषा – अपने स्वभाव के लोगों को भलीभांति जानना

उदाहरण

शाम के समय दो लोग आपस में बैठ रहे थे, उन्होंने इशारा करते हुए वहां से उठकर चलने का निर्णय लिया। तीसरा व्यक्ति उसे देख रहा था वह भी उनके साथ चल दिया। वह तीनों शराब पीने के लिए वहां से उठे थे। तीसरा व्यक्ति उनके इशारों को समझ गया था। जैसे खग खग की भाषा जानता है वैसे ही यह भी उनकी भाषा जान गया था।

3 खरबूजे को देखकर खरबूजा रंग बदलता है – संगति का असर

उदाहरण

बालक को जैसी संगति में रखा जाता है, वह उस संगति से जुड़ जाता है। अतः अपने बच्चे को अच्छी संगति में रखना चाहिए।

4 खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे – व्यर्थ के विरोध से अपनी ऊर्जा खत्म करना

उदाहरण

मोहन के स्वार्थ की सिद्धि जब नहीं हुई तो वह लोगों को बदनाम करने लगा, उसका व्यवहार खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे जैसी हो गई।

‘ग’ से प्रमुख लोकोक्तियाँ

1 गेहूं के साथ घुन भी पीस जाना – दोषी व्यक्ति के साथ निर्दोष को भी सजा मिलना

उदाहरण

राजू के दोस्त अपराधी प्रवृत्ति के थे, जब उन्हें पकड़ा गया तो राजू को भी साथ में पकड़ लिया गया। राजू के साथ गेहूं के साथ घुन पिसने की स्थिति आ गई।

2 गंगा आए तो गंगादास, जमुना आए तो जमुनादास – परिस्थिति के अनुकूल बदल जाना

उदाहरण

आजकल के मंत्रियों की स्थिति अवसरवादी जैसी है, वह अवसर पाकर अपने को बदल लेते हैं। भले ही उनकी विचारधारा उससे मेल ना खाती हो।

‘घ’ से प्रमुख लोकोक्तियाँ

1 घर की मुर्गी दाल बराबर – स्वयं को कम आंकना

उदाहरण

अधिकतर घरों में मां को वह प्यार और सम्मान या उनके महत्व को नहीं जान पाते, जितना पड़ोसी के घर की माता के योगदान को देखा जाता है।  यह वही स्थिति है जैसे अपने घर की मुर्गी दाल बराबर।

2 घर फूंक तमाशा देखना – अपने शान के लिए धन को लुटाना

उदाहरण

सामाजिक प्रतिष्ठा के लिए आजकल कर्जा भी लेते हैं, यह कर्जा उनके लिए घर फूंक तमाशा देखने जैसी होती है।

3 घर का भेदी लंका ढाए – अपनों का रहस्य बता कर उनका अहित करना

उदाहरण

डॉक्टर समाज के कुछ लोगों ने इलाज के दौरान हो रहे अवैध कारोबार का पर्दाफाश कर डॉक्टर के इलाज को जांच का विषय बना दिया।  जो डॉक्टरों के लिए घर का भेदी लंका ढाए जैसी स्थिति हो गई।

‘च’ से प्रमुख लोकोक्तियाँ

1 चोर की दाढ़ी में तिनका- अपनी गलती छुपाने के लिए आगे बढ़ कर बोलना

उदाहरण

चोरी के बाद पुलिस जब छानबीन करने पहुंची तो एक व्यक्ति उस चोरी की बड़ी बारीकी से बात बता रहा था, ताकि कोई उसके ऊपर शक ना करे।  किंतु पुलिस चोर की दाढ़ी में तिनका का उदाहरण जानती थी इसलिए वह तत्काल पकड़ा गया।

2 चोर चोर मौसेरे भाई – एक जैसे पेशे के लोगों का आपसी संबंध होना

उदाहरण

बस में चोरी करते हुए एक लड़के को पकड़ा गया, उसे बचाने दूसरा लड़का वहां पहुंचा। वह चोर की पैरवी करने लगा और उसे निर्दोष साबित करने लगा। सबको समझ आ गया था कि दूसरा लड़का भी चोर है यह दोनों आपस में मौसेरे भाई जैसा व्यवहार कर रहे हैं।

3 चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात – सुख के समय लापरवाही के कारण ज्यादा दिन नहीं रहते

उदाहरण

सुख के समय जो लोग सजग और सतर्क रहकर व्यवहार नहीं करते उनको फिर अंधेरी रात ही नसीब होती है।

4 चौबे गए छब्बे होने, दुबे ही रह गए – लाभ के स्थान पर हानि

उदाहरण

मोहसिन दुबई कमाने के लिए गया, वहां के खर्चों से उल्टा उसे नुकसान ही होने लगा।

5 चिराग तले अंधेरा – अपना ज्ञान अपने आसपास को ना मिल पाना

उदाहरण

प्रोफेसर साहब विदेश में भी जाकर बड़े-बड़े विश्वविद्यालय में पढ़ाते हैं, किंतु उनके अपने ही मोहल्ले में अशिक्षित व्यक्तियों की भारी तादाद है इसे ही कहते हैं चिराग तले अंधेरा।

‘छ’ से प्रमुख लोकोक्तियाँ

1 छोटा मुंह बड़ी बात – हैसियत से बढ़कर बोलना

उदाहरण

अनपढ़ लोग सदैव अमीरों को अपने से कम बताने की कोशिश करते रहते हैं, उनकी जीवनशैली पर कटाक्ष करते रहते हैं, बजाय कि वह कोई काम करें।

2 छछूंदर के सिर में चमेली का तेल – अयोग्य व्यक्ति को मूल्यवान वस्तु मिल जाना

उदाहरण

लड़का मजदूरी करने वाला था, उसे पढ़ी-लिखी और नौकरी करने वाली लड़की मिल गई, इसे कहते हैं छछूंदर के सर चमेली का तेल।

‘ज’ से प्रमुख लोकोक्तियाँ

1 जैसी करनी वैसी भरनी – जैसा कर्म वैसा फल

मोहसीन चोरी करता पकड़ा गया, तो उसे पुलिस ने पकड़ कर जेल भेज दिया। अतः जैसी करनी थी, वैसा उसे फल मिल गया।

2 जिसकी लाठी उसकी भैंस – जिसके पास शक्ति होती है उसी की विजय होती है

खाली जमीन का विवाद था, उसमें ताकतवर लोगों ने कब्जा कर लिया।  फिर उस जमीन पर कोई दावा करने नहीं आया। क्योंकि उन बलवान लोगों से सामना करने की शक्ति किसी में नहीं थी।

3 जल में रहकर मगर से बैर – साथ में रहकर शत्रुता करना

मोहन ने ऑफिस में काम करने वाले अपने सीनियर लीडर से दुश्मनी करके जल में रहकर मगर से बैर करने की स्थिति उत्पन्न कर ली।

4 जिस बर्तन में खाया उसी में छेद करना – कृतज्ञ होना

मोहन ने एक अनाथ बच्चे को पाल-पोस कर बड़ा किया बड़ा होकर वह लड़का उसी परिवार को धोखा देने लगा। उसने जिस थाली में खाया उस में छेद करने का मुहावरा चरितार्थ कर दिया।

5 जो बादल गरजते हैं वह बरसते नहीं – अधिक बोलने वाले लोग कम काम करते हैं

उदाहरण

टोनी ऑफिस में सबसे ज्यादा बोलने वाला कर्मचारी है, काम के मामले में वह इतना आलसी है कि वह सबसे कम काम करता है।

6 जाको राखे साइयां मार सके ना कोई – समय से पूर्व अनहोनी ना होना

ट्रेन की दुर्घटना में एक बच्चा सकुशल बच निकला, उसे देखकर ऐसा ही लगा जैसे जाको राखे साइयां मार सके ना कोई।  क्योंकि उसके आसपास के सभी लोग दुर्घटना में जान गवा चुके थे।

7 जंगल में मोर नाचा किसने देखा – कार्य होने का प्रमाण ना मिलना

अहमद ने अपने आस-पड़ोस में बताया कि उसने आज समाज के बीच जाकर खूब सेवा की लोगों को खाना खिलाया मगर किसी ने उसके बात पर विश्वास नहीं किया। क्योंकि उसे करता हुआ किसी भी व्यक्ति ने नहीं देखा था।

8 जैसे नागनाथ वैसे सांपनाथ – दोनों का कुटिल व्यवहार होना

टोनी और एंटोनी दोनों ही चोरी करते हैं, दोनों का व्यवहार वैसा ही है जैसे नागनाथ और सांपनाथ का।

‘ड’ से प्रमुख लोकोक्तियाँ

1 डूबते को तिनके का सहारा – कठिन समय में छोटा सहारा भी बहुत होता है

उदाहरण

रमेश का परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा था, तभी उसके शुभचिंतक ने एक दुकान खोलकर उसे दी। आज वह धन से संपन्न है, उसे डूबते को तिनके का सहारा मिल गया था।

‘त’ से प्रमुख लोकोक्तियाँ

1 तेते पांव पसारिए जेती लंबी सौर – आय के अनुसार ही खर्च करना चाहिए

उदाहरण

आज के समय व्यक्ति अपने विलासिताओं को पूरा करने के लिए लोन लेता है। यह लोन उसके सभी आर्थिक नीतियों को तबाह कर देता है। इस लोन के चक्कर में पड़कर वह अपना पूरा जीवन दुख में बिताता है, इसलिए साधारण शब्दों में कहा जाता है जितना चादर हो उतना ही पैर फैलाना चाहिए।

2 तेली का तेल जले मसालची का दिल जले – आराम से जिंदगी जीने वाले को देख दूसरे लोग सदैव जलते हैं

उदाहरण

मोहन के पास जैसे ही कुछ धन-संपत्ति आई उसके जीवन शैली को देखकर पड़ोसी जलने लगे।

‘थ’ से प्रमुख लोकोक्तियाँ

1 थोथा चना बाजे घना – दिखावा करना

उदाहरण

एंटोनी के पास खाने को कुछ नहीं है मगर पहनावा ऐसे करता है जैसे किसी रईस की औलाद हो, इसे ही कहते हैं थोथा चना बाजे घना।

‘द’ से प्रमुख लोकोक्तियाँ

1 दादा खरीदे पोता बरतें – सामान का लंबी अवधि तक चलना

उदाहरण

यह पलंग मेरे दादा ने खरीदी थी जो अभी भी सुरक्षित और यथास्थिति है। इसे कहते हैं दादा खरीदे होता बरतें। उन्होंने अपने प्रयोग के लिए इसे खरीदा था जो अब मेरे भी प्रयोग में आ रहा है।

2 दूर के ढोल सुहावने – दूर से देखी गई चीज आकर्षक लगती है

उदाहरण

रमेश की कार देखकर टोनी को काफी जलन हुई, जब उसने पता किया तो मालूम हुआ रमेश ने कार किराए पर ली है। टोनी अनायास ही कुछ भी सोच रहा था।

3 दूध का जला छाछ भी फूंक फूंक कर पीता है – धोखा खाया व्यक्ति सतर्क रहता है

उदाहरण

श्याम पहले लोगों की आर्थिक रूप से बिना संकोच सहायता किया करता था। किंतु जब अपनों ने उसे आर्थिक नुकसान पहुंचाया तो वह अब लोगों की सहायता करने से पूर्व काफी सोच विचार करता है।

4 दूध का दूध पानी का पानी – न्याय करना

उदाहरण

दो विद्यार्थियों के बीच नकल को लेकर विवाद हो गया। दोनों विद्यार्थी एक दूसरे पर आरोप लगा रहे थे। तभी शिक्षक ने दोनों को प्रश्न हल करने के लिए अलग-अलग बिठाया दोनों के प्रश्न हल करने से दूध का दूध पानी का पानी हो गया।

5 दुविधा में दोनों गए माया मिली ना राम – अनिश्चित रहने की स्थिति में हानि होना

उदाहरण

विक्की ने स्नातक की परीक्षा पास कर कई ढेर सारी छोटी छोटी नौकरियों को छोड़ दिया।

वह किसी बड़ी नौकरी की प्रतीक्षा में था किंतु नहीं उसे बड़ी नौकरी मिल पाई और जो छोटी नौकरियां मिल रही थी वह भी उसके हाथों से निकल गई।

विक्की की दुविधा में उसे माया और राम दोनों से दूर कर दिया।

6 दादा बड़ा ना भैया सबसे बड़ा रुपैया – रुपया का मोल होना

उदाहरण

बाजार में नाम और शोहरत से कुछ नहीं होता, वहां धन की आवश्यकता होती है।

जिसके पास धन है वही बाजार में प्रसिद्ध है।

इसीलिए कहा गया है दादा बड़ा ना भैया सबसे बड़ा रुपैया, क्योंकि यही उसकी पहचान बनता है।

7 देखें ऊंट किस करवट बैठता है – भविष्य की अनिश्चितता होना

उदाहरण

राजू ने जैसे तैसे तैयारी कर अपनी परीक्षा दी, अब उसे परीक्षा परिणाम का इंतजार है।

वह इस प्रतीक्षा में बैठा है कि ऊंट किस करवट बैठे, क्या वह सफल होगा या असफल इस अनिश्चितता में वह प्रतीक्षारत है।

‘ध’ से प्रमुख लोकोक्तियाँ

1 धोबी का कुत्ता घर का ना घाट का – किसी के अधीन रहना

उदाहरण

असलम ने नौकरी में इतनी बेईमानी की कंपनी ने उसे निकाल दिया और उसका प्रचार अन्य कंपनियों के साथ भी कर दिया। अब वह न घर का रहा ना घाट का क्योंकि उसे अब कहीं नौकरी नहीं मिलने वाली।

‘न’ से प्रमुख लोकोक्तियाँ

1 न राधा के नौ मन तेल न राधा नाचेगी – पहुंच से अधिक बड़ा लक्ष्य रखना

उदाहरण

मोहन ने अपना लक्ष्य इतना बड़ा रख लिया कि वह कभी लक्ष्य तक नहीं पहुंच सका और ना ही वह कभी खुश रह पाया।

2 नेकी कर दरिया में डाल – उपकार कर भूल जाना

उदाहरण

महापुरुषों की निशानी है कि वह किसी व्यक्ति का उपकार करते हैं तो उसका गुणगान नहीं करते। वह उसे भुला दिया करते हैं।

अगर वह सीधे हाथ से दान देते हैं, तो बाएं हाथ को खबर नहीं होती।

3 ना रहेगी बांस ना बजेगी बांसुरी – विवाद को समाप्त करना

उदाहरण

दो समुदाय के बीच जमीन को लेकर काफी बड़ा विवाद था, कोर्ट ने उस जमीन को अस्पताल बनाकर विवाद खत्म कर दिया।

4 नौ दिन चले अढ़ाई कोस – धीमी गति रखना

उदाहरण

विशाल ने अपनी एक नई कंपनी खोली, उसकी रूपरेखा में काफी कमी थी जिसके कारण वह बेहद धीमी चाल चलने लगा।

यह चाल उसके आर्थिक अज्ञानता के कारण थी।

5 नौ नगद न तेरह उधार – लेन-देन का हिसाब ठीक रखना

उदाहरण

आर्थिक रूप से समझदार लोग कभी भी उधार का सौदा नहीं करते। क्योंकि उन्हें हमेशा मालूम होता है कि लालची साहूकार नौ नगद, तेरह उधार की बात करते हैं।

अर्थात नौ रुपया देकर तेरह रुपए उधार की बात करते हैं।

‘प’ से प्रमुख लोकोक्तियाँ

1 पर उपदेश कुशल बहुतेरे – दूसरों को उपदेश देना सरल है

उदाहरण

मौलाना साहब दुनिया जहान में घूम-घूम कर उपदेश दिया करते हैं, खुद के घर में अनेकों विकृतियां फैली हुई है।

इसलिए कहा गया है उपदेश देना बहुत आसान है।

‘ब’ से प्रमुख लोकोक्तियाँ

1 बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद – अज्ञानी होना

उदाहरण

जिस व्यक्ति ने ज्ञान अर्जन नहीं किया हो वह कभी किताब के गूढ़ रहस्यों को नहीं समझ सकता।

उसके लिए बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद की स्थिति सदैव बनी रहती है।

2 बिन मांगे मोती मिले मांगे मिले ना भीख – मांगने से कुछ नहीं प्राप्त होता

उदाहरण

जनता सरकार से अनाज की मांग करते करते थक गई, किंतु उन्हें एक मुट्ठी अनाज तक नसीब ना हुआ।

जब उन्होंने खुद मेहनत की तो अपनी मेहनत से उन्होंने खूब अनाज उत्पन्न किया।

3 बोए पेड़ बबूल का आम कहां से पाए – बुरे काम का बुरा नतीजा

उदाहरण

टोनी सदैव चोरी-चकारी किया करता था, आज उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

उसे अपने बुरे कर्मों का बुरा फल मिल गया। उसके मां-बाप भी यही कहते रहे जब बबूल का पेड़ ही बोया था तो आम कहां से मिलता।

4 बिल्ली के भागों छींका टूटे – अचानक लाभ होना

उदाहरण

लॉटरी में पैसे लगाकर उम्मीद छोड़ चुका था, तभी अचानक लॉटरी की रकम दुगनी हो गई, जिससे बिल्ली के भागों छींका टूटने की स्थिति हो गई।

‘भ’ से प्रमुख लोकोक्तियाँ

1 भागते भूत की लंगोटी सही – अवसर पर जो मिल जाए वही काफी

उदाहरण

साहूकार के मृत्यु पर उसके परिवार ने उधारी के पैसे वसूलने शुरु किए, किंतु उन्हें पैसों की पूरी जानकारी नहीं थी इसलिए उन्हें जितने पैसे मिले वह सब स्वीकार करते गए।

‘म’ से प्रमुख लोकोक्तियाँ

1 मान ना मान मैं तेरा मेहमान – जबरदस्ती पीछे पड़ना

उदाहरण

एक दिन मेरे घर एक सज्जन पहुंचे, उन्होंने मेरे गांव की सभी जानकारी देते हुए उसने बताया कि वह मेरा मेहमान है। किंतु मैं कहीं दूर-दूर तक उसे नहीं जानता था। यह स्थिति मेरे लिए मान न मान मैं तेरा मेहमान की बन गई।

2 मन चंगा तो कठौती में गंगा – अच्छी सोच से अच्छा परिणाम

उदाहरण

जिस व्यक्ति के मन में सकारात्मक विचार होता है, वह अवश्य ही सफल होता है।

जिस व्यक्ति के मन में नकारात्मक विचार होता है वह कभी सफल नहीं होता।

सकारात्मक विचार वाला व्यक्ति कम परिश्रम में भी सफल हो जाता है क्योंकि उसका मन ठीक रहता है।

3 मुंह में राम बगल में छुरी – कपटी होना

उदाहरण

कपटी, दुराचारी लोग सदैव मीठे बोल बोलते हैं जिसके प्रभाव में सज्जन लोग आ जाते हैं।

किंतु उनका उद्देश्य सदैव उन्हें धोखा देने का ही रहता है।

4 मुंह मियां मसूर की दाल – अपनी बड़ाई स्वयं करना

उदाहरण

टोनी अपनी बड़ाई घूम-घूम कर स्वयं किया करता है, वह अपने मुंह मियां मसूर की दाल बना रहता है।

अपने को श्रेष्ठ दिखाने का प्रयास करता है।

‘र’ से प्रमुख लोकोक्तियाँ

1 रस्सी जल गई पर बल ना गया – सब कुछ लुटा कर भी अहंकार का बचे रहना

उदाहरण

थानेदार साहब गरीबों पर काफी जुल्म किया करते थे, सरकार ने उनकी नौकरी छीन ली उनकी स्थिति काफी दयनीय हो गई किंतु उनका अहंकार अभी भी बरकरार बना है।

‘ल’ से प्रमुख लोकोक्तियाँ

1 लातों के भूत बातों से नहीं मानते – अपराधी बिना सजा दिए नहीं सुधरते

उदाहरण

टोनी हमेशा से चोरी किया करता था, लोग उसे खूब समझाते चोरी करना पाप है, किंतु वह नहीं मानता। जब उसे कानून ने सजा दी तो वह सीधा हो गया।

‘ढ’ से प्रमुख लोकोक्तियाँ

1 ढाक के तीन पात – कोई असर ना पढ़ना

उदाहरण

अज्ञानी व्यक्ति को कितना भी समझा लो वह अपने स्वभाव में कभी परिवर्तन नहीं लाता, उसकी सदा स्थिति ढाक के तीन पात की रहती है।

‘स’ से प्रमुख लोकोक्तियाँ

1 सांप भी मरे लाठी न टूटे – बुरे का अंत अपना अहित किए बिना

उदाहरण

चोरों का आतंक कॉलोनी में दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा था, चोरों ने लोगों को धमकाया था पुलिस को जानकारी देने पर उन्हें नुकसान पहुंचाएंगे।  किंतु सोहन की बुद्धिमानी से चोर पकड़े गए और किसी का कोई नुकसान ना हुआ, इसे कहते हैं सांप भी मरे लाठी न टूटे।

2 सेवा करे सो मेवा पावे – निस्वार्थ की गई सेवा का फल अच्छा होता है

उदाहरण

श्याम गरीबों की दिन रात सेवा किया करता था।

सरकार ने उसके सेवा कार्य से प्रभावित होकर उसे एक सुंदर घर और आर्थिक सहायता के साथ प्रतिष्ठित पुरस्कार देकर भी सम्मानित किया।

यह सभी उसके सेवा के बदले मेवा थे।

3 सस्ता रोए बार-बार महंगा रोए एक बार – लालच का फल

उदाहरण

टोनी ने पैसे बचाने के लिए पुरानी गाड़ी सस्ते दाम पर खरीद लिया, अब गाड़ी रोज रोज उसको नए खर्चों में डालती रहती है।

इसलिए कहा गया है सस्ता रोए बार-बार महंगा रोए एक बार।

उसके खर्च नई गाड़ी से भी ज्यादा हो गए।

4 सिर मुड़ाते ओले पड़े – अचानक मुसीबत का आना

उदाहरण

काफी सोच विचार कर रमेश में अपना नया कारोबार स्थापित किया था, तभी लॉकडाउन लग गया इससे उसकी हालत सिर मुड़ाते ओले पड़ने की हो गई।

5 सीधी उंगली से घी नहीं निकलना – सरलता से कार्य ना होना

उदाहरण

मालिक के सीधा रहने पर उसके यहां काम करने वाले कर्मचारी उसका गलत फायदा उठाते हैं।

इसीलिए मालिक को थोड़ा कठोरता से काम लेना पड़ता है ताकि काम हो सके।

6 सौ सुनार की एक लोहार की – कमजोर के अनेकों प्रहार पर, बलशाली का एक प्रहार काफी होता है

उदाहरण

टोनी रोज अपने पड़ोसी को तंग किया करता था। एक दिन उसने पहलवान को तंग करने की सोची। पहलवान ने टोनी का वह हाल किया कि वह हॉस्पिटल के बिस्तर से कभी उठा नहीं।

‘ह’ से प्रमुख लोकोक्तियाँ

1 हाथ कंगन को अरसी क्या, पढ़े लिखे को फारसी क्या – प्रत्यक्ष को प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती

उदाहरण

मनु ने चुनौती दी कि मानव का जीवन सांस से नहीं चलता, जब उसके नाक को कुछ सेकंड के लिए दबाया गया तो उसे अपनी गलती का एहसास हो गया।

2 हींग लगे न फिटकरी रंग दी चौखा – बिना खर्च अच्छा परिणाम मिलना

उदाहरण

गर्मी की छुट्टी में पहाड़ पर घूमने का मन बना ही रहा था, किंतु पैसे के अभाव में देरी हो रही थी। तभी पड़ोसी ने साथ चलने का अवसर दिया जिससे मेरी इच्छा अच्छे से पूरी हो गई इसमें नहीं लगाना फिटकरी रंग भी खूब चौका हुआ।

3 हमारी बिल्ली हमें पर म्याऊं – धोखा देना

उदाहरण

पहलवान ने अपने शागिर्द को जीवन भर खूब दांवपेच की शिक्षा दी, जब पहलवान बूढ़ा हुआ तो उसका शागिर्द उसी पर पहलवानी दिखाने लगा।

इसे ही कहा गया है जिसकी बिल्ली उसी पर म्याऊं।

4 हाथी निकल गया दुम रह गई – निशान रह जाना

उदाहरण

डकैतों ने बैंक में डकैती करके लाखों रुपए की चपत लगाई। किंतु एक डकैत के पहचान पत्र बैंक में गिरने से पूरी डकैती का पर्दाफाश हो गया।

इसे ही कहते हैं हाथी निकल गया लेकिन दुम रह गई।

5 हाथ पांव फूलना – भय लगना

उदाहरण

अंधेरे में सफेद कुर्ते में जा रहे एक व्यक्ति को देखकर सलीम के हाथ पांव फूल गए उसे लगा कि कोई जिन है।

6 हाथी के पांव में सबका पांव – छोटी-छोटी मेहनत बड़ी सफलता दिलाती है

उदाहरण

कंपनी में कार्य करने वाले कर्मचारियों की छोटी-छोटी मेहनत पूरे कंपनी की सफलता का कारण बनती है।

जैसे सबके पांव हाथी के पांव बन जाते हैं।

7 हीरे की कदर जोहरी जाने – गुणवान व्यक्ति की पहचान गुणवान व्यक्ति ही करता है

उदाहरण

मोहन गणित में काफी तेज था, वह अन्य विषय में उतना कुशल नहीं था जितना गणित में था। शिक्षक ने उसके गुणों को पहचान कर एक नई दिशा प्रदान की जिससे मोहन काफी प्रसिद्ध हुआ।

8 हाथी के दांत खाने के और दिखाने के और – संपन्न लोग अधिक दिखावा नहीं करते

उदाहरण

पड़ोस में एक व्यापारी है जिसका खूब बड़ा कारोबार है, किंतु वह एक साधारण व्यक्ति की जिंदगी जीता है।

उसकी स्थिति हाथी के दांत जैसी है खाने के और दिखाने के और।

9 होनहार बिरवान के होत चिकने पात – कम आयु में प्रतिभा का पता चलना

उदाहरण

जो भविष्य में कुछ बड़ा करना चाहते हैं, उनके लक्षण आरंभिक जीवन से ही दिखने लग जाते हैं।

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निष्कर्ष

उपर्युक्त अध्ययन से हमने लोकोक्तियाँ अर्थ एवं उदाहरण सहित का ज्ञान प्राप्त किया। इसमें हमने जाना कि यह किस प्रकार मुहावरों से आधारभूत अंतर रखता है।

यह संकलन सभी प्रकार की परीक्षाओं के लिए है।

आशा है इस लेख से आपका ज्ञान बढ़ा हो, यह लेख आपके ज्ञान तथा शब्द के भंडार में वृद्धि कर सकी हो।

संबंधित विषय से प्रश्न पूछने के लिए कमेंट बॉक्स में लिखें हम आपके प्रश्नों के उत्तर तत्काल देंगे।

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